उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र का चौथा दिन, विभिन्न संगठनों ने किया सदन कूच
उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज चौथा दिन है। आज सुबह हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में मजबूत भू-कानून लागू करने और युवाओं को रोजगार मुहैया करवाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने विधानसभा कूच किया। हालांकि कूच कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रिस्पना पुल से पहले बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ जमकर नोकझोंक भी हुई।
रोजगार के लिए नहीं ठोस नीति
बेरोजगार युवा आशीष नौटियाल के नेतृत्व में कई युवा, महिलाएं और राज्य आंदोलनकारी नेहरू कालोनी में एकत्रित हुए। युवाओं ने कहा कि सरकार के पास रोजगार के लिए कोई ठोस नीति नहीं है। इसीलिए लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। रोजगार मुहैया करवाने एवं प्रदेश में मजबूत भू-कानून लागू करने के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी विधानसभा की ओर बढ़े। युवाओं ने कहा कि प्रदेश में भू-कानून लागू होने से किसान अपनी जमीन का मालिक बना रहेगा और देवभूमि की संस्कृति व अस्मिता से भी कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। वहीं प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने युवाओं की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आंदोलन में शामिल हुई हैं।
देवस्थानम बोर्ड निरस्त करने की मांग
राज्य स्वराज पार्टी ने बुधवार को विधानसभा कूच कर देवस्थानम बोर्ड निरस्त करने की मांग की। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष देवेश्वर भट्ट ने कहा कि बोर्ड बनने से मंदिरों के हक हकूकधारियों का मान सम्मान एवं हक सब छिन गए हैं। पार्टी ने प्रदर्शन के दौरान मजबूत भू कानून और युवाओं को रोजगार देने की मांग भी की। कूच करने वालों में सुरेंद्र कुमार, राजीव देशवाल, गौरी रौतेला, गजेंद्र रावत, डा. अश्विन रतूड़ी, आशीष नौटियाल, दुर्गा प्रसाद समेत अन्य शामिल रहे।
वाहनों का दो साल का टैक्स माफ करे सरकार
राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी, आंदोलनकारी संगठनों और मानवतावादी समाज संघ ने ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के मुद्दों को लेकर विधानसभा कूच किया। राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवनीत गुसाईं ने कहा कि सभी प्रकार के व्यवसायी वाहनों का दो साल का टैक्स माफ किया जाना चाहिए। वाहनों के सरेंडर करने के नियमों में बदलाव होना भी जरूरी है। कानून के अनुसार गाड़ी सरेंडर करने के लिए 100 रुपये फीस तय है, जबकि इसके लिए 220 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।