जल और माटी जोड़ेगा अयोध्या राम मंदिर से देवभूमि उत्तराखंड का रिश्ता
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों से भी मिट्टी और गंगा जल अयोध्या भेजा गया है। बदरीनाथ धाम के साथ ही चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की मिट्टी और वैतरणी कुंड का जल भी भेजा गया है। कर्णप्रयाग के अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम से पवित्र जल और मिट्टी भेजी गई है।
आपको बता दें की विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता बदरीनाथ धाम की मिट्टी और जल कलश को लेकर गोपीनाथ मंदिर प्रांगण में पहुंचे। यहां पूजा-अर्चना के बाद रुद्रनाथ मंदिर की मिट्टी और वैतरणी कुंड का पवित्र जल हरिद्वार के लिए रवाना किया गया …… भगवान श्री राम के प्रति गहरी आस्था रखने वाले रामभक्तों की आस्था के सामने आपदा भी नत्मस्तक हो गई। मंगलवार को बदरीनाथ धाम से मिट्टी और पवित्र जल को लेकर आ रहे रामभक्तों को बदरीनाथ हाईवे के कई जगह पर अवरुद्घ होने के कारण लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ी।
भनेरपाणी में हाइवे बंद होने से रामभक्त चट्टानी भाग से करीब दो किलोमीटर तक पैदल चलकर पीपलकोटी पहुंचे। विहिप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अतुल शाह, विभाग अध्यक्ष देवी प्रसाद देवली, जिलाध्यक्ष राकेश मैठाणी, बजरंग दल के पवन राठौर और हरि प्रसाद ममगाईं के नेतृत्व में विकट परिस्थितियों में मंगलवार को बदरीनाथ की मिट्टी व पवित्र जल गोपेश्वर पहुंचाया गया।यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित एवं मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए यमुना जल का कलश और राज्य पुष्प ब्रह्म कमल भेजा।
मंगलवार को देहरादून जाकर सुबह सवा सात बजे उन्होंने शिव शक्ति मंदिर में योगाचार्य विपिन जोशी को यमुना जल एवं ब्रह्म कमल भेंट किया।कुमाऊं और गढ़वाल के प्रवेश द्वार पर स्थित मां गर्जिया के मंदिर से पवित्र मिट्टी और कोसी नदी का जल डाक से भेजा गया है।मां गर्जिया मंदिर और कोसी नदी का जल और पवित्र मिट्टी को रजिर्स्टड डाक के माध्यम से अयोध्या भेजा गया है । इस तरह से देवभूमि की पवित्र गंगा जल और पावन मिटटी से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्री राम के भव्य मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी और अयोध्या से देवभूमि का आध्यात्मिक रिश्ता और सशक्त हो जायेगा।