उत्तराखंड आने के लिए अगले 7 अगस्त तक कोई नया पास जारी नहीं हो पाएगा। देहरादून स्मार्ट सिटी वेबसाइट के जरिए हर दिन राज्य में आने वालों के लिए 1500 पास जारी किए जा रहे हैं, जो चार दिन पहले ही 7 अगस्त के लिए बुक हो गए हैं। त्योहार के मौके पर और अन्य किसी काम से उत्तराखंड आने का कार्यक्रम बनाने वालों ने अगर पास के लिए आवेदन नहीं किया था तो 7 अगस्त तक उनके पास कोई मौका नहीं है।
उत्तराखंड में 10 दिन पहले तक बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों से लोग हर रोज वापस लौट रहे थे। इसकी वजह थी कि पहले स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पास जारी होने की लिमिट तय नहीं थी। बीते दिनों शासन से उत्तराखंड में बाहर से आने वाले लोगों की संख्या तय कर दी है। एक दिन में अधिकांश 1500 पास दिए जाने लगे। सभी 13 जिलों में आने वाले लोगों के लिए यह संख्या तय है। इसके बाद स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर 7 अगस्त तक के लिए पंजीकरण के लिए स्लॉट जारी किए गए, जो चार दिन पहले ही बुक हो गए हैं। ऐसे में अगले 7 अगस्त तक अगर उत्तराखंड आना चाह रहे हैं तो सिर्फ इमरजेंसी पास से ही आ पाएंगे। सभी स्लॉट बुक होने की वजह से उत्तराखंड लौटने वाले लोग परेशान हैं और वह स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क साध रहे हैं।
राज्य में आने के लिए स्मार्ट सिटी देहरादून की वेबसाइट पर लोग पंजीकरण की प्रक्रिया दर्ज कर रहे हैं। इसमें यहां आने की जानकारी डालते ही स्क्रीन पर पंजीकरण फुल होने का मैसेज नजर आ रहा है। इस वजह से लोग परेशान हैं। कई लोगों ने पंजीकरण फुल होने के बाद वेटिंग के लिए अपना पंजीकरण दर्ज किया गया है। हालांकि, इसमें साफ जानकारी दी जा रही है कि ऐसे आवेदन होल्ड पर रहेंगे। अगर जिलाधिकारी चाहें तो इनमें जरूरी आवेदन पर फैसला ले सकते हैं।
तीन अगस्त को रक्षा बंधन है। बाहरी राज्यों में नौकरी कर रहे बड़ी संख्या में लोग रक्षा बंधन पर उत्तराखंड लौटने की तैयारी कर रहे थे। ऐसे लोगों ने स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पास के लिए आवेदन कर रहे हैं तो उन्हें झटका लग रहा है। 13 ज़िलों वाले उत्तराखंड जिले में 1500 लोगों को हर रोज पास मिल रहा है। इसे जिलावार औसत संख्या से लिहाज से देखा जाए तो यह महज 115 लोग प्रति जिला होता है। वहीं औसत एक परिवार से चार लोग वापस लौट रहे हैं तो एक दिन में प्रतिजिला 29 परिवारों को ही पास मिल पा रहा है। जबकि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर या नैनीताल जिले से हर रोज काफी संख्या में लोग बाहर जाते और आते हैं।
स्मार्ट सिटी के सीईओ रणवीर सिंह चौहान ने बताया है कि स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पास पंजीकरण की प्रक्रिया राज्य सरकार के आदेशों के हिसाब से चल रही है। राज्य सरकार ने 1500 पास की लिमिट तय कि है तो उस हिसाब से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पंजीकरण हो रहे हैं।