यूसीसीः उद्धव, आप और एनसीपी का मिला मोदी सरकार को समर्थन, फारूक अब्दुल्ला बोले कानून आया तो आ सकता है तूफान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में भाजपा के 10 लाख बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) जल्द लागू करने की वकालत की थी। पीएम मोदी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई। सवाल ये भी उठ चुका है कि क्या आगामी संसद के मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल को पेश किया जाएगा? इन्हीं अटकलों के बीच इस मामले पर राजनेताओं द्वारा लगातार टिप्पणी की जा रही है।
मोदी सरकार को मिला उद्धव और एनसीपी का साथ
गौरतलब है कि कई विपक्षी पार्टियां, जो अमूमन सरकार की ज्यादातर नीतियों के खिलाफ खड़े रहते हैं, उन्होंने भी देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कराने की बात पर सरकार के सुर में सुर मिलाया है। शिवसेना (ऊद्धव गुट) और आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को देशभर में लागू करने का समर्थन किया है।
शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि महज शरिया का विरोध यूसीसी का आधार नहीं हो सकता है। अपने मुखपत्र सामना में छपे एक लेख में पार्टी ने कहा कि यूसीसी का मतलब सभी के लिए कानून और न्याय में समानता होना भी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वे ना तो यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं और न ही इसका विरोध।
देश विविधताओं से भरा है: फारूख अबदुल्ला
इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि केंद्र को समान नागरिक संहिता लाने से पहले यह विचार करना चाहिए कि देश विविधताओं से भरा है। उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र सरकार यूसीसी कानून लाती है तो देश में तूफान आ सकता है।