Uttarakhand टॉप न्यूज़ में जानिए कौन संवरेगा पौराणिक तुंगनाथ मंदिर
सर्दी और त्यौहार में कोरोना का फेज़ टू संभव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका जताई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दी बढ़ने के साथ यह लहर आ सकती है। त्योहारी सीजन में कोरोना से बचने के नियमों का पालन इस खतरे को कम कर सकता है। उत्तराखंड में सितंबर के मुकाबले अक्तूबर में 54 प्रतिशत कम लोग कोरोना से संक्रमित हुए। लेकिन अब त्योहारी सीजन के चलते बाजारों में उमड़ रही भीड़ और सर्दियों की वजह से एक बार फिर संक्रमण के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। शासन के आलाधिकारी भी मानते हैं कि उत्तराखंड में सर्दियों के दौरान कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने की आशंका है। आपको बता दें कि लगातार बढ़ते मामलों को ही स्वास्थ्य विभाग लहर मानता है। ऐसे में अगर हमने और आपने कोरोना से बचाव के मानकों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया तो उत्तराखंड में भी दूसरी लहर की स्थिति बन सकती है।ऐसे में हमारी गुजारिश है की आप सब सतर्क रहे
दीपावली पर दून की सड़कों पर उतरेंगी दो हज़ार गाड़ियां
धनतेरस और दीपावली के दिन नयी चमचमाती गाडी घर लाने वालों का इस बार आपका इंतजार थोड़ा लम्बा हो सकता है। क्योंकि शोरूम को गाड़ियों की डिलेवरी करने में समय लगने की संभावना है। हालांकि कंपनी ने दीपावली के त्योहार तक आपूर्ति बढ़ाने का आश्वासन दिया है। त्योहारी सीजन में ऑटो कारोबार में जबरदस्त बूम आया है। नवरात्र के त्योहार में देहरादून शहर में चार हजार से अधिक गाड़ियों की डिलीवरी हुई है। वहीं धनतेरस के त्योहार के लिए ऑटो कारोबार तैयारी होने लगी है। धनतेरस के लिए वाहनों की बुकिंग नवरात्र से ही शुरू हो गई थी और अब इसमें तेजी आने लगी है। एक अनुमान के अनुसार धनतेरस पर देहरादून में दो हजार से अधिक गाड़ियां सड़क पर उतरने की उम्मीद है। हालांकि इसमें कम सप्लाई बाधा बन सकती है। एक शोरूम में ही धनतेरस के लिए करीब 200 गाड़ियों की बुकिंग हो चुकी है और अभी धनतेरस तक बुकिंग होती रहेगी। मगर प्रोडक्शन कम होने के कारण आपूर्ति कम हो रही है। इससे आपको नयी गाडी की सवारी करने में थोड़ी दिक्कत ज़रूर हो सकती है।
हज़ार साल पुराने तुंगनाथ मंदिर को संवारेगा पुरातत्व विभाग
करीब एक हजार साल पुराने तुंगनाथ मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग अपने संरक्षण में लेने की तैयारी कर रहा है। इसकी स्वीकृति मिलने के साथ ही मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा मिल जाएगा। वहीं, मंदिर की दीवारों पर उभरी दरारों को भरने के लिए भी एएसआइ का देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसके तहत साइट प्लान तैयार करने को एएसआइ की टीम शुक्रवार को तुंगनाथ रवाना होगी। टीम में एक पुरातत्वविद्, सर्वेयर व इंजीनियर शामिल हैं। एएसआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के मुताबिक, मंदिर के मंडप की स्थिति खस्ताहाल है। यहां दरारों के साथ ही पत्थर भी अपनी जगह से हिल गए हैं। खासकर मंडप की नींव वक्त के साथ कमजोर पड़ गई है। इस योजना के लिए अगले एक महीने में प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा वहीँ ये भी उम्मीद है कि अगले साल अप्रैल तक संरक्षण का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।
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