हरिद्वार में पतित पावनी गंगा की अविरल धारा पर नाकाबंदी लगा दी गयी है। ऐसे में कोरोना काल में बेहद शांत साफ और गहरे गंगा जल से भरपूर रहने वाली हरि की पैड़ी आज सुखी है और एक अलग रूप में दिखाई दे रही है…..
दीपावली की रात 12 बजे गंगनहर में फिर पानी छोड़ दिया जाएगा। हर साल गंगनहर खुलने पर करीब 13 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। इस बार रजवाहे समय पर साफ होने की उम्मीद कम है। इसलिए गंगनहर में कम पानी छोड़ा जा सकता है।
उत्तरप्रदेश में यदि छोटे रजवाहे समय पर साफ नहीं होते तो इस बार गंगनहर में कम पानी छोड़ा जाएगा। 14-15 नवंबर की मध्यरात्रि को पूर्वी गंगनहर में पानी छोड़ा जाना है। महाकुंभ कार्यों के चलते इस बार दस दिन पहले ही गंगनहर को बंद कर दिया गया था।
इस बार दशहरे से दस दिन पहले ही गंगनहर को बंद कर दिया गया था। हर की पैड़ी पर इन दिनों गंगा के घाट पर तेज़ पानी का बहाव नहीं है। ऐसे में श्रद्धालुओं की आवाजाही न होने से हर की पैड़ी सूनी पड़ी है। जानकार बताते हैं की अब दीपावली के बाद ही हर की पैड़ी पर रौनक लौटेगी।