दुनिया की महाशक्ति अमेरिका का महानायक कौन होगा ये तस्वीर साफ़ है ऐसे में अब दुनियाभर की नज़र जो बाइडन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की है ….
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कांटे की टक्कर के बीच डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन अपने प्रतिद्वंद्वी व रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप से काफी आगे निकल चुके हैं ऐसे में एक स्वाभाविक जिज्ञासा सबके मन में बढ़ने लगी है कि आखिर जो बाइडन हैं कौन ? उनका राजनीतिक करियर कैसा रहा है? भारत से आखिर उनका क्या कनेक्शन है? तो चलिए जय भारत टीवी आपको बता रहा है जो बाइडन की ज़िंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से
78 साल के जो बाइडेन साल 1972 में पहली बार डेवावेयर से सीनेट के लिए निर्वाचित हुए। अब तक वह छह बार सीनेटर रह चुके हैं। बाइडन ने बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहते अमेरिका के 47वें उप राष्ट्रपति का पद संभाला था। इस चुनाव में उन्होंने ओबामा को पॉपुलर वोट में रिकॉर्ड मतों से पीछे छोड़ दिया था।
जो बाइडन अमेरिका के इतिहास में पांचवें सबसे युवा सीनेटर थे। दुनियाभर में आज तेज़ी से लोकप्रियता बटोर रहे बाइडन की ज़िंदगी का बीता कल बेहद तकलीफ भरा रहा है ….. साल 1972 में एक कार दुर्घटना में बाइडन की पहली पत्नी और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई थी। अभी वो इस दुःख को झेल भी नहीं पाए थे कि 2015 में उनके बेटे की ब्रेन कैंसर से मौत हो गयी
इन घटनाओं ने उनके जीवन को पूरी तरह से झकझोर दिया था ऐसे में इस मुसीबत का सीधा असर उनके जीवन और सोच पर भी पड़ा। यही वजह रही कि राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन ने स्वास्थ्य योजनाओं को खास प्राथमिकता दी है। और हेल्थ पालिसी को उन्होंने अपना अहम चुनावी एजेंडा बनाया।
अमेरिकी सियासत में जो बाइडन के नाम से मशहूर बाइडन का पूरा नाम बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। बाइडन का जन्म अमेरिका के पेंसिलवेनिया राज्य के स्कैंटन में हुआ था। बचपन में ही जो बाइडेन डेलवेयर शिफ्ट हो गए थे।बाइडन ने डेलावेयर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद सिरैक्यूजयूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जो बाइडन बचपन में हकलाते थे, जिससे उनका लोग काफी मजाक उड़ाया करते थे। उन्हें ‘डैश’ नाम से पुकारा करते थे।
आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये भी संयोग था कि साल 1988 में बाइडन की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनके अंतिम संस्कार के लिए पादरी तक को बुला लिया गया था लेकिन वो स्वस्थ हो गए … यहाँ आपको बता दें कि बाइडन हफ्ते में पांच दिन वर्कआउट करते हैं। उनके डॉक्टर के मुताबिक, बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने को फिट हैं। हालांकि, वह पहले इंट्राक्रैनियल हैमरेज से जूझ चुके हैं। ख़ास बात ये भी है कि बाइडन शराब या सिगरेट से हमेशा दूर रहते हैं
अब आपको बताते हैं कि हिंदुस्तान से जो बाइडेन का क्या रिश्ता रहा है ….. डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बाइडन साल 2013 में बतौर उपराष्ट्रपति भारत आए थे। तब उन्होंने मुंबई में एक भाषण के दौरान अपने भारतीय कनेक्शन को उजागर किया था। बाइडन ने तब कहा था कि वर्ष 1972 में जब वह पहली बार सीनेट के सदस्य बने थे, तो उन्हें मुंबई से एक बाइडन का पत्र मिला था। मुंबई वाले बाइडन ने उन्हें बताया कि दोनों के पूर्वज एक ही हैं। उस खत में उन्हें जानकारी दी गई थी कि उनके पूर्वज 18वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे।
बाइडेन ने उम्मीद जताई थी कि हो सकता है कि उनके पूर्वज ने भारतीय महिला से शादी की हो जिसके परिवार के लोग अभी भी वहां हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई में तब बाइडन सरनेम के पांच लोग थे, जिनके बारे में एक पत्रकार ने उन्हें जानकारी दी थी। तब बाइडन ने यह चुटकी भी ली थी कि वह भारत में भी चुनाव लड़ सकते हैं…… यानि अगली बार जब जो बाइडेन भारत आएंगे तो उनके मुंह से उनके भारतीय कनेक्शन का ज़िक्र आप ज़रूर सुनेंगे।