टोक्यो पैरालंपिक का आगाज़, 54 खिलाडियों से भारत को पदक की उम्मीद….
– आकांक्षा थापा
पैरालंपिक में पहली बार पहुंचेगी भारत की इतनी बड़ी टीम, 54 खिलाड़ी करेंगे देश का प्रतिनिधित्व.. पहली बार भारत को दोहरे अंकों में पदक की उम्मीद
जापान के टोक्यो में 24 अगस्त यानी मंगलवार से पैरालंपिक खेलों का आगाज होने जा रहा है। भारत की ओर से 54 सदस्यीय दल टोक्यो पैरालंपिक में भाग लेगा, जो विभिन्न स्पर्धाओं में 25 अगस्त से अपनी चुनौती पेश करेगा पैरालंपिक खेलों में 54 खिलाड़ियों के दल से पहली बार दोहरे अंकों में पदक की उम्मीद की जा रही है। भारत ने ओलंपिक में एक स्वर्ण और दो रजत सहित कुल सात पदक जीते थे।
वहीं इस बार भारतीय पैरालंपिक समिति को पैरा खिलाड़ियों से कम से कम 10 पदक की उम्मीद है। भारत पैरालंपिक में नौ खेलों में हिस्सा लेने जा रहा है और वो हैं= तीरंदाजी, एथलेटिक्स (ट्रैक एंड फील्ड), बैडमिंटन, तैराकी, भारोत्तोलन समेत 9 खेलों में भाग लेंगे। खास बात ये है कि यह किसी भी पैरालंपिक में भारत की ओर से भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी टीम है। सभी 54 एथलीट टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं। आपको बता दें, कोविड-19 महामारी के कारण पैरालंपिक का आयोजन कड़े सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों के बीच हो रहा है। पैरा खिलाड़ियों को उनकी दिव्यांगता के प्रकार और सीमा के आधार पर अलग-अलग वर्ग में रखा जाता है। इससे उन्हें समान दिव्यांगता वाले खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा पेश करने का मौका मिलता है।
देवेंद्र झाझरिया की गोल्डन हैट्रिक पर निगाह रहेगी
बचपन में करंट लगने के कारण अपना बायां हाथ गंवाने वाले झझारिया 40 साल की उम्र में स्वर्ण पदक की हैट्रिक के मजबूत दावेदार हैं। वह एफ-46 वर्ग में 2004 एथेंस और 2016 रियो डि जेनेरियो में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और मौजूदा विश्व रिकॉर्ड धारक हैं।
वहीं, विश्व चैंपियन संदीप चौधरी (एफ-64 भालाफेंक) 24 सदस्यीय पैरा एथलेटिक्स टीम में स्वर्ण पदक के तीसरे दावेदार हैं। वह दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। पदक के अन्य दावेदार गत विश्व चैंपियन सुंदर सिंह गुर्जर और अजीत सिंह (दोनों एफ-46) तथा नवदीप सिंह (एफ-41) हैं। ये तीनों भालाफेंक के खिलाड़ी हैं।
थंगावेलू फिर स्वर्ण जीतने की तैयारी
पांच बरस की उम्र में घुटने से नीचे का पैर बस से कुचले जाने के बाद स्थायी रूप से दिव्यांग हुए मरियप्पन एक अन्य भारतीय पैरा खिलाड़ी हैं जो 2016 में टी-63 ऊंची कूद में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने उतरेंगे। वह अभी दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं। इनसे भी भारत को पदक की उम्मीदें हैं।
वहीं बैडमिंटन भी देश को कई पदक दिला सकता है
बैडमिंटन पैरालंपिक में पदार्पण करेगा और इसमें भारत की पदक जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और कई बार के विश्व चैंपियन प्रमोद भगत पुरुष एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक के मजबूत दावेदार हैं। साथ ही, दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी कृष्णा नागर (एसएच 6) के अलावा सुहास एलवाई और तरुण ढिल्लों (एसएल 4) से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
बात करें महिला वर्ग की, तो दो बार की पूर्व विश्व चैंपियन पारूल परमार और युवा पलक कोहली (एसएल 3-एसयू 5) से महिला वर्ग में पदक की उम्मीद है। वहीँ देश को अपने तेज़ तरार निशानेबाज़ों और तीरंगदाजों से भी बहुत सी उम्मीदें हैं, भारत की ओर से तीरंदाजी में राकेश कुमार और श्याम सुंदर (कंपाउंड), विवेक चिकारा और हरविंदर सिंह (रिकर्व) और महिला तीरंदाज ज्योति बालियान (कंपाउंड व्यक्तिगत और मिश्रित स्पर्धा) चुनौती पेश करेंगे।