भाजपा की “छपरौली” मेरठ कैंट विधानसभा में इस बार सपा-रालोद गठबंधन दे रहा टक्कर
मेरठ– भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली मेरठ कैंट विधानसभा में इस बार दिलचस्प मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। भाजपा का इस सीट पर लगातार कब्जा रहा है इसीलिए इसे भाजपा की “छपरौली” कहा जाता है। भाजपा का मुकाबला मुख्य रूप से सपा-रालोद गठबंधन के साथ होने की उम्मीद है। हालांकि बसपा, कांग्रेस, आप के प्रत्याशी भी मुकाबले में हैं।
चार लाख से अधिक वोटर वाली मेरठ कैंट विधानसभा सीट पर 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें भाजपा, सपा-रालोद गठबंधन, कांग्रेस, बसपा के प्रत्याशी चुनाव के मुख्य मुकाबले में दिख रहे हैं। आप, शिवसेना, पीपुल्स पार्टी समेत कई अन्य दलों के प्रत्याशी भी मैदान में हैं। 1989 से अब तक इस सीट पर भाजपा का लगातार कब्जा रहा है। 2007, 2012 और 2017 के चुनाव में भी जीत भाजपा के हाथ लगी, लेकिन दूसरे नंबर पर बसपा रही। तीनों ही चुनावों में एक बार सपा और दो बार कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी रही। ऐसे में पिछले चुनाव में नंबर दो और तीन पर रहे बसपा एवं कांग्रेस के बीच गठबंधन को ऊपर आते हुए भाजपा को चुनौती देना रोचक रहेगा। पहली बार मैदान में आम आदमी पार्टी भी है।
इस सीट पर महिला और पुरुष दोनों मतदाता लगभग बराबर की स्थिति में हैं। ऐसे में महिलाओं के वोट भी इस सीट पर जीत के समीकरणों को प्रभावित करेंगी। कैंट पर 74.39 फीसदी पुरुष मतदाता हैं एवं 74.39 फीसदी महिला वोटर हैं। ऐसे में महिलाओं का रुख पार्टियों की हार-जीत की दिशा में महत्वपूर्ण कारक रहेगा।
ये प्रत्याशी हैं मैदान में
-अमित अग्रवाल, भाजपा
-अमित शर्मा, बसपा
-अवनीश, कांग्रेस
-मनीषा अहलावत, रालोद-सपा
-उपेंद्र कुमार, अपनी जनता पार्टी
-ओम प्रकाश कनिक, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया, डेमाक्रेटिक
-दीपक सिरोही, शिवसेना
-पवन कुमार धीमान, न्याय पार्टी
-मदन सिंह मान, आम आदमी पार्टी
-राकेश प्रजापति, राष्ट्रीय समाज पक्ष
-डॉ.सुधीर अग्रवाल, समग्र विकास पार्टी
-दीपक सैनी, निर्दलीय
-राजीव कुमार, निर्दलीय