टाटा एंड संस ने सबसे ऊँची बोली लगा कर एयर इंडिया को खरीद लिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट अनुसार अब एयर इंडिया कंपनी का मालिक टाटा संस होंगे। मंत्रियो के एक पैनल ने टाटा संस के प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है और आगामी दिनों में एक आधिकारिक घोषणा होगी। सरकार ने एयर इंडिया में अपनी 100 फीसद हिस्सेदारी को बेचने के लिए बोली प्रक्रिया को शुरू किया था। टाटा संस ने अभी इस विषय पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। दिसंबर तक टाटा को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ है तो कर्ज में डूबी सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया एक बार फिर टाटा ग्रुप के हाथों में चली जाएगी। हांलाकि अभी नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
आपको बता दें कि एयर इंडिया के लिए केंद्र सरकार को बुधवार को कई वित्तीय बोलियां मिली थीं जहां टाटा की बोली भी शामिल थी, क्योंकि उसका नाम पिछले कुछ समय से चर्चा में था। जे आर डी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइन्स के नाम से कंपनी की शुरुवात की थी। 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी। 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी खरीद ली। अब एक बार फिर से टाटा संस ने एयरलाइन पर अपनी छाप छोड़ दी है। करीब 70 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया टाटा ग्रुप के पास आ जाएगी। टाटा संस की ग्रुप में 66 फीसदी हिस्सेदारी है।