माउंट एवरेस्ट को फतह कर उत्तराखंड का नाम रौशन करने वाला जाबांज कुपवाड़ा में शहीद, गृह जनपद नैनीताल में शोक की लहर
उत्तराखंड की धऱती से एक और लाल ने अपने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी।
उत्तराखंड के लाल यमुना पनेरू ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया । जम्मू कश्मीर में आतंकियों के साथ सेना की लगातार मुठभेड़ जारी है बीते एक हफ्ते में 10 से ज्यादा आतंकियों को भारतीय सेना मौत के घाट उतार चुकी है।
जानकारी के मुताबिक सीमापार से लगातार हो रही फायरिंग और आतंकी घुसपैठ के चलते भारतीय सेना लगातार पेट्रोलिंग कर दुश्मनों पर नजर बनाए हुए है। इसी दौरान जम्मू – कश्मीर के कुपवाड़ा में पट्रोलिंग के दौरान यमुना पनेरू शहीद हो गए । शहीद यमुना राज्य के नैनीताल जिले के रहने वाले थे और कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात थे।
बीते गुरुवार की देर रात मिली जवान की शहादत की खबर से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं पूरे क्षेत्र में भी शोक की लहर है। यमुना की शहीद होने की खबर से ही परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि शहीद यमुना पनेरू 39 साल के थे और साल 2002 में सेना में भर्ती हुए थे साल 2010 में उनकी शादी हुई थी शहीद यमुना पनेरू का 7 साल का बेटा और 3 साल की बेटी भी है।
शहीद पनेरू वो जाबाज़ जवान थे जिन्होंने आठ साल पहले विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया था।
उस दौरान उन्होंने अपने छः सदस्यीय दल के साथ कर्नल राणा के नेतृत्व में एवरेस्ट फतह किया था। हमेशा से ही हर चुनौती भरी परिस्थितियों में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले देश के जाबाज जवान शहीद यमुना पनेरू को जय भीम टीवी की भी भावभीनी श्रद्धांजलि