आज़ाद भारत में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी , शबनम-सलीम की प्रेमकहानी का होगा अंत
-आकांक्षा थापा
अमरोहा के बावनखेड़ी गाँव में आज से 13 साल पहले एक ऐसा खौफनाक हादसा हुआ जो वहाँ के लोगो के जहन में हमेशा रहेगा। यह बात है साल 2008 की, जब शबनम ने अपनी प्रेमी सलीम के साथ मिलकर 7 लोगों को कुल्हाड़ी से मौत के घाट उतार दिया .. हैरान करने वाली बात यह है की, यह 7 सात लोग शबनम के ही परिवार वाले थे…… जिसमे 10 माह का भतीजा और उसकी गर्भवती भाभी भी शामिल थीं। भारत को आज़ादी मिलने के बाद से अबतक किसी भी महिला अपराधी को फांसी की सजा नहीं मिली है, शबनम ही वो पहली महिला होगी जिसे फांसी होने जा रही है……
14 /15 अप्रैल 2008 की रात को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पूरे परिवार को नशीला पदार्थ देकर एक कुल्हाड़ी के जरिये उन्हें मौत के घाट उतार दिया। उनके परिवार में टीचर पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम और दस महीने का भतीजा अर्श शामिल थे। शबनम एक स्कूल में पढ़ाती थी और सलीम से प्रेम करती थी, लेकिन उनका परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था। इस हत्याकांड के बाद शबनम को फ़ौरन जेल भेज दिया गया था। 2010 में ट्रायल कोर्ट ने दोनों को मौत की सज़ा सुनाई थी, जिसको 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने बरक़रार रखा था। यही नहीं, राष्ट्रपति भवन ने भी उनकी दया याचिका को खारिज़ कर दिया।
देश में सिर्फ मथुरा जेल में ही महिलाओं को फांसी दी जा सकती है। फिलहाल, शबनम बरेली जेल में है और सलीम आगरा जेल में है….. वहीँ मथुरा जेल में शबनम को फांसी देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं… रस्सी के लिए आर्डर भी दिया जा चुका है और डेथ वारंट जारी होते ही शबनम-सलीम को फांसी दे दी जाएगी।