देश में खत्म होगा राजद्रोह कानून, केन्द्र सरकार लाई प्रस्ताव
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) पर नया विधेयक राजद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त कर देगा। शाह ने आईपीसी, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। शाह ने कहा कि आगामी 15 अगस्त को आजादी का अमृत महोत्सव समाप्त होगा और 16 अगस्त से आजादी की 100 वर्ष की यात्रा की शुरुआत के साथ अमृत काल का आरंभ होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन में देश के सामने पांच प्रण रखे थे जिनमें एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे। अमित शाह लोकसभा में कहा कि आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं। ये सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच प्रणों में से एक को पूरा करने वाले हैं। इन तीन विधेयक में एक है इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), एक है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी), तीसरा है इंडियन एविडेंस कोड।
उन्होंने कहा कि इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह, अब भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 प्रस्थापित होगी और इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह ’भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ प्रस्थापित होगा।