उत्तराखंड के SDRF कांस्टेबल और CBTS की शीतल ने रचा इतिहास, माउंट एल्ब्रुस पर फहरया ध्वज
-आकांक्षा थापा
उत्तराखंड वासियों के लिए एक बड़ी खबर है, एक ऐसी खबर जिसे सुनके आपको गर्व महसूस होगा
जी हाँ, उत्तराखडं के पर्वतारोहियों ने यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह कर लिया है.
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल यानि sdrf और सीबीटीएस की चार सदस्यी टीम ने यूरोप के ऊँची छोटी माउंट एल्ब्रुस पर भारत का झंडा लहराया।
इस पर एसडीआरएफ ने जानकारी देते हुए कहा कि यह उपलब्धि हासिल करने वाले राजेंद्र नाथ राज्य के पहले पुलिसकर्मी बने हैं।
बात करें एसडीआरएफ कांस्टेबल राजेन्द्र नाथ की तो उन्होंने ने 12 अगस्त को बहुत खराब मौसम में यूरोप महाद्वीप स्थित सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह करके इतिहास रचा है। 360 एक्सप्लोरर महाराष्ट्र द्वारा 9 अगस्त से 17 अगस्त 2021 तक माउंट एलब्रुस (5642 मीटर) पर एक्सपीडिशन का आयोजन किया गया था। जिसका उदेश्य स्वतंत्रता दिवस पर माउंट एलब्रुस पर आरोहण कर भारतीय ध्वज फहराना था। 13,14,15 अगस्त को खराब मौसम की चेतावनी के चलते टीम ने बड़ा साहस दिखाते हुए 12 अगस्त को ही एल्ब्रुस को फतह कर वहां तिरंगा फहराया।
वही दूसरी ओर पिथौरागढ़ की क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स (सीबीटीएस) द्वारा आयोजित एक्सपीडिशन में चार सदस्यों की टीम ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराकर आजादी का जश्न मनाया। इस टीम को कुमाऊं मंडल विकास निगम, नैनीताल के एडवेंचर विंग में कार्यरत 25 वर्षीय महिला पर्वतारोही शीतल लीड कर रही थीं।
शीतल ने एवरेस्ट, कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे दुर्गम पर्वतो को फतह किया है। और यही वजह है की उनके नाम कंचनजंगा और अन्नपूर्णा फतह करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला होने का रिकॉर्ड है।
आपको बता दें, एल्ब्रुस पर्वत एक सुप्त ज्वालामुखी है जो काकेशस पर्वत शृंखला में स्थित है। और माउंट एल्ब्रुस के 5,642 मीटर ऊंचे शिखर तक पहुंचने के लिए पर्वतारोहियों को ऐसे कठिन हालात से गुजरना पड़ता है, जहां उनकी जान हमेशा खतरे में रहती है… जी हाँ, इसे फतह करना कोई आम बात नहीं है.. ब्यूरो रिपोर्ट
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