Thursday, April 25, 2024
खेल समाचार

‘गोल्डन बॉय’ नीरज चोपड़ा की घर वापसी, जश्न में डूबा पानीपत

-आकांक्षा थापा

गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा मंगलवार को पानीपत पहुँच गए है। सुबह पानीपत की धरती में कदम रखते ही उनका गर्मजोशी के साथ स्‍वागत किया गया। जगह- जगह स्वर्ण पदक विजेता के नारे लग रहे हैं.. स्वर्ण पदक विजेता ओलिंपिक के बाद से पहली बार घर लौट रहे हैं..

पानीपत पहुँचने के बाद समालखा के हल्दाना बॉर्डर से उनके गांव खंडरा के लिए काफिला रवाना हुआ। जिला प्रशासन ने फूल माला पहनाकर नीरज चोपड़ा का स्वागत किया। मेडल जीतने के बाद पहली बार ओलिंपियन गोल्‍डन बॉय मंगलवार सुबह आठ बजे पानीपत पहुंचे। अपने बेटे और स्‍टार खिलाड़ी के स्‍वागत के लिए पानीपत के लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। नीरज के स्वागत के लिए गांव खंडरा से करीब 24 किमी दूर से ही भव्‍य स्‍वागत शुरू हो गया।
वहीँ, नीरज के पहुंचते ही फूलों की बारिश हो गयी.. आपको बता दें नीरज चोपड़ा डीसी सुशील सारवान की गाड़ी में थे.. जब समालखा में लोगों ने मालाओं से अपने स्‍टार खिलाड़ी का स्‍वागत करते रहे। इस स्‍वागत यात्रा के काफिले में आगे-आगे तिरंगा लगींं बाइकें थीं तो पीछे कारों का काफिला था। साथ ही, यही समालखा में करीब 30,000 लोगों को दावत दी जा रही है.. वहीँ, प्रशंसकों की भीड़ के बीच नीरज की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन भी तैनात रहा…

अपने इस भव्य स्वागत पर नीरज ने कहा, पानीपत में पहुंचने के बाद जिस तरह का प्‍यार मिल रहा, उसे शब्‍दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा, मुझे लगता है कि जैवलिन के लिए इस तरह सपोर्ट लोग करते रहेंगे। मैं और ज्‍यादा मेहनत करूंगा। जो युवा और बच्‍चे खेल में आगे बढ़ना चाहते हैं उन्‍हें यह मेडल जरूर प्रेरित करेगा।

उधर नीरज चोपड़ा कुछ ही देर में गांव खंडरा पहुंच जाएंगे। स्वागत के लिए 20 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है, साथ ही एक बड़ा स्‍टेज तैयार किया गया है और यहाँ एक वीआइपी गैलरी भी है। यानि की कार्यक्रम के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है.. वहीँ, नीरज की मां सरोज चोपड़ा ने बताया कि वह बहुत खुश हैं। और उन्होंने नीरज के लिए उनका पसंदीदा देशी घी का चूरमा बनाया है और वो इससे ही नीरज का मुंह मीठा कराएंगी। साथ ही, नीरज के घर के बाहर भी एक एलईडी टीवी लगाई गई है। गांव की सारी महिलाएं इस एलईडी टीवी पर उनके घर के बहार से ही नीरज का कार्यक्रम देख सकेंगी। यही नहीं इन महिलाओं के लिए खाने की व्यवस्था तक की गई है।

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