हिन्दुस्तान में ये आम सोच होती है कि सास-बहू में ज्यादातर छतीस का आंकड़ा होता है …. सास पूरब तो बहू पश्चिम चलती है लेकिन इसी भारत में ऐसी सास बहू की जोड़ियां भी हैं जो मिलकर आगे बढ़ें तो कमाल कर देती हैं …. जब भारत में लोग कोरोना आफत के बीच लॉक डाउन में घरों में कैद थे तब धनबाद की दसवी पास सासू मा ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएट बहू के साथ मिलकर गुरु चेला एप्प बना कर नयी मिसाल कायम की है ….. इस सास-बहू ने घर संभालते हुए न केवल गुरु-चेला एप बनाया बल्कि अपने आस पास के शिक्षितों को रोजगार भी दिलाया। जी हाँ लाखों करोड़ों घरों और सास बहुओं को ये खबर ज़रूर देखनी चाहिए और मिलना चाहिए धनबाद की धैया की रहने वाली 70 साल की सास मनोरमा सिंह और 32 साल की उनकी बहू स्वाति से जिन्होंने मिलकर कोरोना काल में लोगों को रोजगार देने की पहल शुरू की। बेहद समझदारी और तालमेल का ऐसा उदाहरण देश के लिए एक मिसाल है …..
केवल दसवीं तक पढ़ी सास मनोरमा ने तय किया कि वो एक ऐसा एप बनाएंगी जो न सिर्फ रोजगार देगा बल्कि बच्चों को घर बैठे पढ़ायेगा भी …..इस एप्प की खासियत है की यहाँ पर टीचर और स्टूडेंट दोनों रजिस्ट्रेशन कर फायदा ले सकते हैं ज़रूरत के मुताबिक शिक्षक ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लासेज लेने के लिए हाजिर हो जाते हैं। इससे स्कूली शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग, यूपीएससी, गीत, संगीत, योग, चित्रकला आदि के शिक्षक आसानी से मिल जाते हैं। बीते कुछ समय पहले ही सास बहू ने जिस एप्प को बनाया था आज उसने सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दे दिया है ….. रोजाना 110 छात्र इस एप की बदौलत मार्गदर्शन पा रहे। शिक्षित बेरोजगार आठ हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक कमाई कर ले रहे हैं। एप से आइआइटी आइएसएम, बीआइटी सिंदरी, बीएड कर चुके छात्र भी जुड़े हैं। मनोरमा और स्वाति कहती हैं कि शिक्षितों की बेरोजगारी और बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत की खबरें परेशान करती थीं। इसलिए यह एप बनाया। इससे साल के आखिर तक 250 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। आपको बता दें की इस एप्प में किसी तरह की फीस नहीं ली जा रही है।
10 वीं पास सास मनोरमा सिंह और परास्नातक, बीएड बहू स्वाति दो माह पहले तक फोन के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को एक दूसरे से जोडऩा शुरू किया। घर वालों को सास बहू का यह प्रयास बहुत कामयाब और फायदेमंद लगा इसके बाद ही उन्होंने गुरु चेला एप्प को एक प्लेटफार्म बनाने का फैसला किया …. इस एप को सास-बहू ने खुद ही से संचालित करना शुरू किया है और घर परिवार की ज़िम्मेदारी के बीच इन्होंने पूरा सिस्टम बनाया हुआ है।
आज ये एप्प प्ले स्टोर पर गुरु-चेला एप के नाम से उपलब्ध है। इसमें गौतम बुद्ध की ध्यानमग्न मुद्रा में तस्वीर लगी हुई है। डाउनलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसमें दो विकल्प आते हैं। एक गुरु और दूसरा चेला यानी छात्र। गुरु का रजिस्ट्रेशन होने पर छात्रों की जानकारी, मोबाइल नंबर, लोकेशन मिलेगी। चेला का रजिस्ट्रेशन होने पर विषय के शिक्षकों की जानकारी मिलेगी।यानी जो पहल दसवीं पास सास ने एडुकेटेड बहू के साथ मिलकर एक शहर से शुरू की थी आज वो देश भर के करोड़ों स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए फायदेमंद प्लेटफार्म साबित हो रहा है।