मैदान से पहाड़ जाने के लिये आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य
देहरादून-शासन ने उत्तराखण्ड के मैदानी जिलों से पहाड़ी जिलों में जाने के लिये आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है। पर्वतीय इलाकों में जाने वाले लोगों को अब 72 घंटे की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अपने पास रखनी होगी। जबकिएक जून तक सभी यात्री वाहनों का संचालन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही किया जा सकेगा। अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय यात्रा के बाद अनिवार्य रूप से सैनिटाइजेशन करना होगा।
शासन द्वारा जारी नई एसओपी के मुताबिक राज्य के भीतर या राज्य के बाहर वाहनों के संचालन में पूर्ण रूप से सरकार के कोविड नियमों का पालन करना होगा। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल एवं ऊधमसिंह नगर के मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले समस्त यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर या आरएटी निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य होगा। कोई भी वाहन 50 फीसदी यात्री क्षमता के अतिरिक्त यात्री नहीं बैठाएगा और न ही अतिरिक्त किराया वसूलेगा। हर यात्रा के बाद वाहन के प्रवेश द्वार, हैंडिल, स्टेयरिंग, रेलिंग, गीयर लीवर और सीटों पर सैनिटाइजेशन कराना अनिवार्य होगा।
वाहन चालकों व परिचालकों को फेस मास्क व ग्लब्स अनिवार्य रूप से पहनने होंगे। अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय यात्रा के दौरान वाहन में प्रवेश करने वाले हर यात्री की थर्मल स्कैनिंग जरूरी होगी। चालक-परिचालकों के साथ ही यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। यात्रियों के लिए भी मास्क अनिवार्य है। यात्रा करते समय पान, तम्बाकू, गुटका एवं शराब आदि का सेवन प्रतिबंधित रहेगा।
अंतरराज्यीय और अंतरसंभागीय यात्रा में वाहन चालक, परिचालक और यात्रियों को स्मार्ट सिटी देहरादून की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। वाहन में थूकना दंडनीय अपराध होगा। किसी यात्री में कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर संबंधित वाहन चालक इसकी सूचना निकटतम पुलिस थाने या स्वास्थ्य केंद्र को देंगे। यात्रा के दौरान वाहन को निर्धारित स्टॉपेज पर ही रोका जाएगा। अंतरराज्यीय या अंतरसंभागीय यात्रा में वाहन चालक, परिचालक और यात्रियों को स्मार्ट सिटी देहरादून की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा।
बाहरी राज्यों से आने वाले सभी व्यक्तियों को अधिकतम 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ लाने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। उत्तराखंड के निवासियों को अगर गढ़वाल से कुमाऊं जाना होगा तो उन्हें यूपी से जुड़ी उत्तराखंड की सीमाओं पर आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाने की अनिवार्यता नहीं होगी। लेकिन उन्हें भी स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी है।