सुबोध कुमार जायसवाल बने सीबीआई चीफ, दो काबिल अफसर इस वजह से हुये बाहर
दिल्ली-सीआईएसएफ के प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल को दो साल के लिये सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में अपने आदेश जारी कर दिये हैं। महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जायसवाल अब तक केन्द्रीय सीआईएसएफ के महानिदेशक के तौर पर कार्य कर रहे थे। वह महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं। सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला का दो साल का कार्यकाल तीन फरवरी को पूरा हो गया था। तब से एजेंसी बिना नियमित प्रमुख के काम कर रही थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीफ जस्टिस एनवी रमना और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चैधरी के साथ एक अहम बैठक की थी। इस बैठक में सीबीआई डायरेक्टर के चयन को लेकर चर्चा हुई। 90 मिनट चली इस मीटिंग में इस पद के लिए रेस में शामिल कैंडिडेट्स को शॉर्ट लिस्ट किया गया। इस दौरान सीजेआई रमना ने एक जरूरी नियम का हवाला दिया। इसके चलते 2 नाम रेस से बाहर हो गए। सीबीआई डायरेक्टर के चयन करने वाले पैनल में प्रधानमंत्री मोदी, अधीर रंजन और सीजेआई रमना शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीजेआई ने मीटिंग में 6 मंथ रूल का हवाला दिया। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि नए डायरेक्टर के चयन में 6 महीने के नियम का पालन जरूर होना चाहिए। ये नियम कहता है कि जिन अफसरों का कार्यकाल 6 महीने से कम बचा है, उनके नाम पर चीफ पोस्ट के लिए विचार न किया जाए। मीटिंग के दौरान सीजेआई की बात का अधीर रंजन ने समर्थन किया। 3 मेंबर वाले पैनल में दो लोगों के समर्थन से इस नियम पर विचार किया गया और 2 नाम सीबीआई डायरेक्टर की रेस से बाहर हो गए।
इनमें बीएसएफ के चीफ राकेश अस्थाना शामिल हैं, जो कि 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। इनके अलावा 31 मई को रिटायर हो रहे एनआईए चीफ वाईसी मोदी के नाम पर भी विचार नहीं किया गया। जबकि, इस पद के लिए इन्हीं दो नामों को सबसे आगे माना जा रहा था। इसके बाद सीबीआई के सबसे बड़े पद के लिए 3 नाम शॉर्ट लिस्ट हुए। महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल के डायरेक्टर केआर चंद्र और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी। इन तीनों नामों में से अंत में सुबोध कुमार जायसवाल के नाम पर मुहर लगा दी गई। इस पोस्ट के लिए सबसे वरिष्ठ आईपीएस बैच यानी 1984 से 1987 के बीच के अफसरों के नामों पर विचार किया जाता है। सेलेक्शन पैनल सीनियॉरिटी, ईमानदारी, एंटी करप्शन केसों की जांच के एक्सपीरियंस के आधार पर सीबीआई डायरेक्टर का चयन करता है।
इस मीटिंग में शामिल विपक्ष के नेता अधीर रंजन ने किसी नाम पर आपत्ति तो नहीं जाहिर की लेकिन उन्होंने कहा कि कैंडिडेट्स के चयन में सरकार का रवैया लापरवाही भरा है। उन्होंने बताया था कि इस पोस्ट के लिए उन्हें 11 मई को 109 नामों की लिस्ट मिली थी। सोमवार को एक बजे ये लिस्ट 10 नामों की रह गई और 4 बजे इसमें 6 नाम बचे। पर्सनल एंड ट्रेनिंग विभाग का रवैया बहुत लापरवाही भरा है।