पुलिस ने काटा 16 हजार का चालन, युवक ने चिट्ठी लिखकर गोलू देवता से मांगा न्याय
अल्मोड़ा– कोरोना कर्फ्यू के दौरान चितई निवासी एक युवक का पुलिस ने 16,500 रूपये का चालान काट दिया। दुःखी युवक न्याय की गुहार लेकर ग्वेल देवता के मंदिर पहुंच गया। उसने पुलिस को दंडित करने की मांग के साथ पूरी आपबीती लिखकर मंदिर परिसर में चिट्ठी टांग दी है। युवक ने लिखा है कि मुझ गरीब के आंसू निकाल दिये अब प्रभू अब आप इन पुलिस वालों को देख लेना।
कुमाउं में न्याय के देवता के रूप में प्रसिद्ध गोलू देवता पर आज भी स्थानीय लोगों का विश्वास कम नहीं हुआ है। जब लोगों को कोर्ट-कचहरी से न्याय नहीं मिलता तो वे आज भी गोलू देवता से न्याया मांगते हैं और चिट्ठी में अपनी समस्या को लिखकर कर टांग आते हैं। ऐसा ही एक मामला बीते दिन अल्मोड़ा में देखने को मिला। जहां चितई निवासी एक युवक ने न्याय की गुहार लगाते हुये गोलू मंदिर में चिट्ठी टांग दी। इस युवक अल्मोड़ा पुलिस के खिलाफ नाराजगी प्रकट करते हुये गोलू देवता को पत्र लिखा है और न्याय की मांग की है।
युवक का नाम दीपक सिराड़ी है उसने गोलू मंदिर में दिये शिकायती पत्र की काॅपी सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। युवक ने पत्र में लिखा है कि 25 मई की सुबह से ही उसकी तबीयत खराब थी। उसने अपने पड़ोस के एक साथी से बाइक मांगी और अल्मोड़ा चिकित्सालय में खुद को दिखाने चला आया। लेकिन कुछ देर बाद उसके घर से फोन आया कि पड़ोस में एक बुजुर्ग महिला का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया है लिहाजा उसे दवा लेकर तत्काल घर वापस आना होगा। इसके बाद वह जल्दी में बाइक लेकर घर की ओर निकल गया।
इस आपाधापी में उससे हेलमेट ना पहनने की भूल हो गई। उसने आरोप लगाया कि इसी बीच होटल शिखर के पास उसे पुलिस कर्मियों ने रोक लिया और बुरी तरह जलील किया। उसे ऐसे घसीटा गया जैसे वह कोई बड़ा अपराधी हो। दीपक ने आरोप लगाया कि उसने पुलिसकर्मियों के आगे हाथ जोड़ते हुए बार बार गुहार लगाई कि उसे छोड़ दें। लेकिन पुलिस ने एक न सुनी और बाइक सीज कर दी गई। साथ में कई धाराएं भी लगा दी गईं। वह खुद देखकर हैरान रह गया। आरोप लगाया कि इनमे से कई धाराएं ऐसी थी जो कि बिलकुल बेबुनियाद थीं।
जबकि उसने इन धाराओं का उल्लंघन भी नहीं किया था। पुलिस प्रशासन ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए उकसा 16,500 रूपये का चालान काट दिया। युवक ने गोलू देवता को लिखे पत्र में कहा है कि वह जुर्माने की राशि नहीं चुका सकता। वह एक ढाबे में बर्तन साफ कर महीना 2500 रूपये ही कमा पाता है। उसका यह रोजगार भी कोरोना कर्फ्यू के चलते बंद है। उसने पत्र में कहा है “प्रभु रोते हुये लिख रहा हूं जैसे मुझे रूलाया गया है वैसे ही इन पुलिस वालों को भी सजा मिलनी चाहिए। पड़ोसी की बाइक थी प्रभु कैसे लौटाउं। मेरी और मेरी मां दोनों तनाव में हैं।” सोशल मीडिया में युवक द्वारा गोलू देवता को लिखा गया यह पत्र वायरल हो रहा है।
इधर अल्मोड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार भट्ट ने बताया कि यह घटना उनके संज्ञान में आई है और युवक कई तरह के आरोप लगा रहा है जिसकी जांच के लिये उन्होनें सीओ को निर्देशित कर दिया है। पुलिस के मुताबिक युवक के पास बाइक के कागज भी नहीं थे। यदि युवक 24 घंटे के भीतर अपने कागज आदि जमा कराता है तो चालान की राशि स्वतः ही कम हो जाएगी।