पं.दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
दिल्ली– पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज 54वीं पुण्यतिथि। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया।पंडित दीनदयाल उपाध्याय हमेशा से ही एक ख़ास विचारधारा के रहे। दीनदयाल उपाध्याय दलगत राजनीति से पहले हमेशा ही राष्ट्र को सर्वाेपरि माना था। राजनीति में उच्च से उच्चतर पद पाने के अनेक अवसर उनके समक्ष थे लेकिन उन्होंने हमेशा खुद को एक राष्ट्रसेवक के रूप में प्रस्तुत किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को ब्रज के मथुरा ज़िले के छोटे से गांव में हुआ था। महज 3 वर्ष की आयु में उनके पिता का देहांत हो गया था। जिसके बाद उनका पूरा जीवन गरीबी में गुजरा। लेकिन अपनी गरीबी के लड़ाई के साथ ही उन्होंने राष्ट्र के प्रति भी ऐसे काम किये है कि आज भी उनका नाम इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों के साथ लिखा जाता है।
पंडित दीनदयाल अपने राष्ट्र और संस्कृति से बहुत प्यार करते थे। जिसके लिए उन्होंने अपनी भावना भी व्यक्त की थी और कहा था कि भारत की सांस्कृतिक विविधता ही उसकी असली ताकत है और इसी के बल पर वह एक दिन विश्व मंच पर अगुवा राष्ट्र बनेगा। इसके लिए उन्होंने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी अपनी लेखन कार्य और सामाजिक कार्यों से जनता की सेवा की। वे चाहते थे कि समाज में शिक्षा का अधिकाधिक प्रसार हो ताकि लोग अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो सकें। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की भारत के प्रति एक दृढ भरोसा था, उनका कहना था कि भारत की सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को प्रकाशमान करेगीं और वह दिन भी दूर नहीं होगा जब भारत विश्व मंच पर पूरी दुनिया को राह दिखायेगा।
जब पंडित दीनदयाल पार्टी से जुड़े कार्य के लिए 11 फ़रवरी 1968 को लखनऊ से पटना की ओर जा रहे थे इसी दौरान इनकी हत्या कर दी गयी थी। जिसकी खबर किसी को भी नहीं मिली। इनका शव दूसरे दिन मुगलसंराय रेलवे स्टेशन के पास मिला। तब किसी को भी पता नहीं था कि शव किसका है लेकिन, इनके शव की पहचान काफी समय के बाद की गयी। इनकी हत्या किसने की इसका पता नहीं चल पाया। उनके असामयिक अंत से राष्ट्र को बहुत बड़ी क्षति हुई, क्योंकि उनके जैसे नेता राष्ट्र के लिए अनमोल थे और जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।