प्राकृतिक खेती पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीरो बजट खेती समारोह को ऑनलाइन संबोधित किया
देश के प्रधानमंत्री ने आज गुजरात के आणंद से ही किसानों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। ऐसे तो प्रधानमंत्री मोदी कई बार रसायनिक खादों पर चिंता जाहिर कर, नेचुरल यानि प्राक्रितिक खेती के बारे में बात कर चुके हैं इसी को लेकर पीएम मोदी ने 16 दिसंबर को गुजरात के आणंद से नेचुरल फार्मिंग पर ऑनलाइन राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। यह संबोधन प्राकृतिक और शून्य बजट खेती पर शिखर सम्मेलन के बारे में जानकारी देने के लिए किया गया। बता दें कि प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर को शुरू हुआ और 16 दिसंबर को समाप्त होगा।
इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद रहे। आचार्य देवव्रत का हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गुरुकुल है, जहां लगभग 200 एकड़ के फार्म में प्राकृतिक खेती होती है। आचार्य ने पहले भी जीरो बजट यानी प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी है उन्होंने बताया कि ऐसी कृषि पद्धति है जो जमीन की उर्वरता में वृद्धि करती है। यह स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होती है। प्राकृतिक खेती में पानी की भी खपत कम होती है। गुजरात में होने वाले कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती की ताकत पर जोर दिया गया साथ ही लोगों को बताया गया कि खेती कैसे देश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव कर सकती है। वहीं पीएम मोदी के द्वारा इस राष्ट्रीय सम्मेलन को ऑनलाइन सुनने के लिए बीजीपी के कार्यकर्ताओं ने अलग अलग क्षेत्रों से भाग लिया …. पीएम मोदी ने बताया कि प्राकृतिक खेती से देश के 80% छोटे पैमाने के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इन किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है और वे रासायनिक उर्वरकों पर काफी खर्च करते हैं। लेकिन प्राकृतिक उर्वरकों के उपयोग से उन्हें लाभ होगा।