प्लास्टिक,थर्मोकोल और स्टायरोफोम उत्तराखंड में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित, सिंगल यूज़ उत्पादों का उपयोग वर्जित
-आकांक्षा थापा
उत्तराखंड में अब पॉलिथीन कैरी बैग के साथ -साथ थर्मोकोल और स्टायरोफोम से बने सिंगल यूज़ उत्पादों का उपयोग, उत्पादन और बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। इस सिलसिले में शासन ने मंगलवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है… जिसके अनुसार तय नियमों के उल्लंघन की दशा में 100 से लेकर 5 लाख़ रूपए तक का जुरमाना वसूला जायेगा। और अगर कोई दोबारा उल्लंघन करता है तो उसे दोगुना जुरमाना भुगतना पड़ेगा।
प्लास्टिक,थर्मोकोल और स्टायरोफोम से बनी डिस्पोजेबल कटलरी यानि प्लेट , ट्रे, कटोरे, कप, चम्मच, गिलास आदि जैसे सिंगल यूज़ उत्पादों की बिक्री उत्तराखंड में बहुत बढ़ गई है। जिसकी वजह से यहाँ का पारिस्थितिकीय तंत्र प्रभावित हो रहा है। सिंगल यूज उत्पादों को रीसाईकल नहीं किया जा सकता है, यही कारण है की साशन द्वारा इसे पूरी तरह से बैन करने की कोशिश जारी है। दूसरी ओर प्लास्टिक या इसके विभिन्न उत्पाद सस्ते होते हैं, और आसानी से उपलब्ध होते हैं हैं। यही वजह है की लोग बिना सोचे समझे इनका उपयोग करते हैं। अब प्लास्टिक अपशिष्ट और माइक्रो प्लास्टिक के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। बीती 30 जनवरी को हुई बैठक में प्लास्टिक, थर्मोकोल और स्टायरोफोम से बने सिंगल यूज़ उत्पादों को प्रतिबंधित करने पर मुहर लगाई गयी।
बोतलबंद पानी व शीतल पेय की पालीइथायलीन टरेफ्थलेट बोतलों के उत्पादकर्ता खुदरा बिक्री नेटवर्क के जरिये खाली बोतलें वापस लेंगे या फिर उन्हें उत्पाद से जनित प्लास्टिक अपशिष्ट के एकत्रण, परिवहन व सुरक्षित निस्तारण के लिए स्थानीय निकायों द्वारा किए गए खर्च का भुगतान करना होगा। वहीँ, प्लास्टिक, थर्मोकोल व स्टायरोफोम के सिंगल यूज उत्पाद बनाने वाली इकाइयों को छह माह के अंदर उत्पादन बंद करना होगा। अधिसूचना के अनुसार जैव चिकित्सा अपशिष्ट, नगरीय ठोस अपशिष्ट और खतरनाक अपशिष्ट के परिवहन में उपयोग में लाए जाने वाले बायो कंपोस्टेबल प्लास्टिक बैग और 50 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले प्लास्टिक बैग पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।