उत्तराखंड में जितने पोर्टल हैं उतनी खबरें भी रोजाना नहीं होती हैं। लेकिन आपके मोबाइल ग्रुप्स में हर मिनट एक ऐसी खबर गिरती है जो आपने किसी दूसरे तीसरे पोर्टल पर पहले ही पढ़ ली होती है …. पीएम मोदी ने भी कहा है कि डिजिटल इंडिया के इस नए दौर में सरकार , प्रशासन , नेता , मंत्री और विभाग को तकनीकी प्रयोगो के साथ जनता से सीधा जुड़ना चाइये अब इसी पर आगे बढ़ने जा रही है उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार …..
एक बेहद अहम बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने प्रदेश की जनता के लिए ‘अपणि सरकार’ पोर्टल बनाने के निर्देश दिये है। इस पोर्टल पर सभी ई-डिस्ट्रक्ट की सेवाएं ‘अपणि सरकार’ पोर्टल के ज़रिए मुहैया कराई जाएगी …. इस नए पोर्टल को आईटीडीए और एनआईसी मिलकर तैयार करेगी। आज सचिवालय में सेवा का अधिकार एवं ई-डिस्ट्रिक पोर्टल की प्रोग्रेस मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सेवा के अधिकार के अन्तर्गत सभी 243 नोटिफाईड सेवाओं को तीन महीने के अंदर ऑनलाइन किया जाय, जिससे जनता घर बैठे ही इन सेवाओं का लाभ उठा सके….. मुख्यमंत्री ने इस पहल के लिए सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को नोडल आफिसर बनाये जाने के भी निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि सेवा के अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता में अब नोडल अधिकारियों की विभागवार बैठक होगी। सेवा के अधिकार के अन्तर्गत सभी नोटिफाईड सेवाओं की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हर महीने और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हर दो माह में प्रगति की समीक्षा होगी। दोनों मण्डलों के कमिश्नर भी 15 दिन में अपने मंडलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सेवा का अधिकार और ई-डिस्ट्रिक की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जो सेवाएं अभी अधिसूचित नहीं हैं, उन सेवाओं को भी सेवा के अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाय। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि यदि किसी प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज में जो आपत्तियां हैं, उनका उल्लेख एक बार में ही हो जाय। जिससे जनता के समय की बचत भी होगी और अनावश्यक परेशानी भी नही होगी। जनता को तकनीकी से जोड़ने और सरकारी योजनाओं की जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की दिशा में ‘अपणि सरकार’ पोर्टल कितना कामयाब होगा ये देखना दिलचस्प होगा