नेशनल हाई वे ……. जहाँ हवा से बातें करती हैं आपकी लग्ज़री गाड़ियां …… न कोई बाधा न कोई जाम का झाम ….. सुरक्षा , स्वास्थ्य सेवाएं और इमर्जेन्सी सेवाओं को चाक चौबंद रखने के लिए सरकार, सड़को तथा राजमार्गो से गुजरने वाले यात्रियों से सड़क कर यानी रोड टैक्स वसूला जाता है ….. आपको यहाँ ये जानना भी ज़रूरी है कि ये रोड टैक्स भी कई तरह के होते है जिनका निर्धारण राज्य सरकारओं के अंतर्गत होता है इन्हीं टैक्स प्रक्रिया में एक टैक्स है यातायात कर यानि टोल टैक्स
राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगर आप ट्रेवल कर रहे हैं तो आपको सुरक्षा और इमरजेंसी में हेल्थ फैसिलिटी मुहैया कराने की जिम्मेदारी टोल वसूलने वाली इन्ही कंपनियों की होती है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई और निर्माण कंपनी में निर्धारित समय तक सड़क यात्रियों से टोल वसूलने का अधिकार मिलता है इसके साथ ही तय होता है कि यात्रियों को क्या सुविधाएं दी जानी हैं लेकिन ये सच्चाई है कि ज्यादातर एनएच पर सरकारी नियमानुसार आपको यात्रा के दौरान न तो सुविधाएं मिलती हैं और न ही सुरक्षा , हालत ये है कि ज्यादातर निर्माण कंपनियां नियमों का पालन नहीं करतीं और सरकार भी इस मामले में सख्ती नहीं करती
अब आपको हम बताते हैं कि टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी की आपके प्रति क्या ज़िम्मेदारी है –
– पेट्रोलिंग की व्यवस्था के साथ टोल प्लाजा पर कंट्रोल रूम बनाए जाने चाहिए
– एनएच बनाने करने वाली कंपनी का खुद का टेलीकॉम सिस्टम होना ज़रूरी है
यात्रियों के लिए हाईवे के किनारे बूथ होंने चाहिए जहां से फोन करके आप कंट्रोल रूम से मदद ले सके
अगर आपकी सुविधाओं की बात करें तो वो भी जान लीजिये ——
किसी भी हाईवे पर एंबुलेंस में पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल किट और डॉक्टर होने चाहिए ताकि दुर्घटना की हालत में मरीज़ को तुरंत मदद मिल सके।
एक और बेहद ख़ास निर्देश है कि एनएच पर मेडिकल एड पोस्ट हो जिसमे जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध कराने की सुविधा हो।
इसके अलावा एनएच के किनारे रोशनी की पूरी व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे और क्रेन की व्यवस्था करना भी इन्ही टोल प्लाजा कंपनी की जिम्मेदारी होती है लेकिन दिल्ली मेरठ , लखनऊ , बुलंदशहर और गोरखपुर से लेकर देहरादून तक अगर आप अपने अधिकारों को खोजेंगे तो पता चलेगा कि टोल प्लाज़ा पर टैक्स वसूलने वाली कम्पनी सरकरी नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं और सरकार आपके अधिकारों की लिस्ट बनाकर बेफिक्र हो गयी है।
क्योंकि एग्रीमेंट के मुताबिक यात्री सुविधाओं की निगरानी की जिम्मेदारी एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की होती है। इसकी मासिक रिपोर्ट सड़क परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई को भेजी जानी चाहिए। लेकिन इन नियमों का पालन किया ही नहीं जा रहा है।
लेकिन फ़ास्ट टैग के भी कुछ ऐसे नियम हैं जिससे आप अनजान है तो जय भारत टीवी वो नियम भी आपको बता रहा है ऐसा ही एक नियम है जिसके मुताबिक आप फास्टैग लेने के बाद भी बिना पैसे दिए टोल प्लाजा पर पार कर सकते हैं ….. जी हाँ …… इस बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होगी……. अगर टोल प्लाजा की रीडिंग मशीन आपके फास्टैग को स्कैन या रीड नहीं कर पाती तो आपको कोई भी चार्ज नहीं देना होगा…… नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नेशनल हाईवे फी डिटर्मिनेशन ऑफ रेट्स एंड कलेक्शन अमेंडमेंट रूल के मुताबिक, अगर किसी गाड़ी पर फास्टैग लगा हुआ है और उसमें बैलेंस भी है लेकिन, टोल नाके पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन इन्फ्रास्ट्रक्चर की खराबी के कारण आपके फास्टैग से पेमेंट नहीं हो पाता है तो गाड़ी को बिना किसी भुगतान के टोल प्लाजा से गुज़रने दिया जाएगा. इस तरह के ट्रांजेक्शन के लिए वीकल यूज़र को जीरो ट्रांजेक्शन रसीद दी जाएगी….. लेकिन जानकारी के अभाव में कई टोल प्लाजा इस नियम को ठेंगा दिखाते हुए जाम और तकनीकी खराबी के बावजूद आपकी जेब पर डाका डालते हैं और आपको खबर ही नहीं होती है …
आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट हरिओम जिंदल को जवाब देते हुए खुद एनएचएआई ने बताया कि अगर किसी गाडी को 2 मिनट 50 सेकेंड से ज्यादा समय तक इंतज़ार करना पड़ता है तो वो बिना टैक्स चुकाए जा सकता है। यानी अगर आपके इंतज़ार का वक़्त तीन मिनट से ज्यादा का हुआ तो आप मुफ्त में टोल प्लाजा से निकल सकते हैं। इस मामले में जब हमने देहरदून में मौजूद एनएचएआई के रीजिनल अफसर वी एस खैरा से पूछा तो उन्हीने बताया कि टोल प्लाजा के निर्धारित दायरे में रहने वालों को भी रियायत दी जाती है क्यूंकि उनका टोल प्लाजा से आना जाना लगातार होता है ऐसे में एमएसटी प्रणाली की तरह उनका भी मासिक पास बनाया जाता है जिस पर उन्हें छूट दी जाती है।
एनएचएआई के कई ऐसे सख्त नियम है जिसका टोल प्लाजा मैनेजमेंट कोई पालन नहीं करती है जैसे पीक आवर्स में कतार में 6 गाड़ियां ही एक लेन में हो सकती हैं , टोल लेन बूथों की संख्या इस प्रकार रखनी चाहिए जिससे पीक आवर फ्लो पर हर एक वाहन को 10 सेकंड से ज्यादा का सेवा समय न लगे , इतना ही नहीं अगर आपकी वेटिंग टाइम 3 मिनट से ज्यादा है, तो टोल लेन की संख्या बढ़ाये जाने का भी नियम बना हुआ है लेकिन हक़ीक़त क्या है ये आप बखूबी जानते हैं।
अब अगर टोल प्लाजा पर छूट की बात करें तो जिस गाडी में प्रेजिडेंट , पीएम , वाइस प्रेजिडेंट चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया , गवर्नर लोक सभा स्पीकर , सेंटर मिनिस्टर जैसे वीवीआईपी सफर कर रहे हों उनको पूरे भारत में टोल टैक्स से छूट दी जाती है …… इसके अलावा भारत के किसी राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष एक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशआर्मी कमांडर या वाइस-चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और अन्य सेवाओं में समकक्ष राज्य सरकार के मुख्य सचिव परमवीर चक्र, अशोक चक्र , महा वीर चक्र, कीर्ति चक्र , वीर चक्र , शौर्य चक्र जैसी मान्यता के पुरस्कार विजेताओं को भी टोल प्लाजा पर छूट दी जाती है। अब अगर टोल प्लाजा पर छूट की बात करें तो जिस गाडी में प्रेजिडेंट , पीएम , वाइस प्रेजिडेंट चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया , गवर्नर लोक सभा स्पीकर , सेंटर मिनिस्टर जैसे वीवीआईपी सफर कर रहे हों उनको पूरे भारत में टोल टैक्स से छूट दी जाती है …… इसके अलावा भारत के किसी राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष एक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशआर्मी कमांडर या वाइस-चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और अन्य सेवाओं में समकक्ष राज्य सरकार के मुख्य सचिव परमवीर चक्र, अशोक चक्र , महा वीर चक्र, कीर्ति चक्र , वीर चक्र , शौर्य चक्र जैसी मान्यता के पुरस्कार विजेताओं को भी टोल प्लाजा पर छूट दी जाती है।
तो ये हमने आपको बताया कि क्या हैं आपके अधिकार और आपकी सुरक्षा के लिए एनएचएआई के बनाये गए वो नियम कायदे जिनका टोल प्लाजा मैनेजमेंट पालन ही नहीं करते हैं यानी आपकी जेब से न सिर्फ अवैध वसूली होती है बल्कि आपकी जान से भी खिलवाड़ करने में टोल प्लाज़ा संचालक कोई रहम नहीं बारात रहे हैं। इसीलिए हम कह रहे हैं ……