पीएम मोदी ने नहीं कांग्रेस के इस कद्दावर नेता ने मशहूर की है उत्तराखंडी टोपी, सबसे पहले धारण की थी टोपी
देहरादून– गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो उत्तराखंडी टोपी सर पर सजाई थी वह आज उत्तराखंड चुनाव में नेताओं के लिए सिंबॉलिक राजनीति का हिस्सा बन गई है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तराखंडी टोपी पहने जाने के बाद यह टोपी उत्तराखंड में मशहूर हुई है? या फिर इसे मशहूर करने वाला कोई और है। जी हां आज हम आपको यह बता रहे हैं की उत्तराखंडी टोपी जो इस वक्त उत्तराखंड की राजनीति में छाई हुई है, जिसे न केवल कांग्रेस के नेता बल्कि तमाम भाजपाई नेता भी पहन कर निकल रहे हैं उसके अचानक मशहूर होने का कारण क्या है?
यह बात सच है कि काले रंग की यह टोपी उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी है। गढ़वाल में, कुमाऊं में, दूर पर्वतीय इलाकों में तमाम बड़े बुजुर्ग स्थानीय निवासी आज भी इस टोपी को शान से धारण करते हैं। लेकिन बदलते दौर के बीच यह टोपी चलन से हटती चली गई। कुछ खांटी उत्तराखंड के लोगों के सर पर इस टोपी को देखा जा सकता था। लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोपी पहनी है ऐसा लगता है उत्तराखंडी टोपी फिर से चलन में आ गई है। मगर यह पूरा सच नहीं है। सच यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टोपी पहनने से पहले उत्तराखंड कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं जो लंबे समय से इस टोपी को धारण करते आए हैं और उनका नाम है कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष और वर्तमान में सहजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी यानी आर्येन्द्र शर्मा। जी हां आर्येन्द्र शर्मा वह शख्स हैं जो लंबे समय से उत्तराखंडी टोपी धारण करते आए हैं। और अभी हाल ही में गणतंत्र दिवस से काफी समय पहले उनकी टोपी चर्चाओं में आ गई थी। तमाम पार्टी के कार्यक्रमों में आर्येन्द्र शर्मा के सर पर सजी उत्तराखंडी टोपी देखकर लोग तारीफ किया करते थे।
और इसके बाद शर्मा की इसी टोपी को देखकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी तय किया था कि सारे नेता इस टोपी को धारण करेंगे और जब कांग्रेस ने अपना चुनावी कैंपेन लॉन्च किया तो हरीश रावत से लेकर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत तमाम नेताओं ने उत्तराखंडी टोपी धारण की और पूरे प्रदेश में कैंपेन लॉन्च किया। इसके करीब एक हफ्ते बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यही टोपी धारण कर राजपथ पर आयोजित परेड में हिस्सा लिया। इसके बाद यकायक यह टोपी पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई। लेकिन इस टोपी को मशहूर करने वाले कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आर्येन्द्र शर्मा ही हैं।