Wednesday, May 15, 2024
राष्ट्रीय

एनडीटीवी से निधि राजदान का इस्तीफा, 23 सालों से थीं एनडीटीवी के साथ

एनडीटीवी की वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान ने चैनल से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी से जुडे कईं कर्मचारियों ने इस बात की पुष्टि की है। अडानी ग्रुप द्वारा चैनल के अधिग्रहण के बाद से य़ह तीसरा बडा इस्तीफा है। हालांकि उन्होनें यह स्पष्ट नहीं किया है कि भविष्य में उनका कंपनी से फिर से जुडने का कोई इरादा है या नहीं। इससे पहले चैनल के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार और सीनियर एडिटर श्रीनिवासन जैन ने भी इस्तीफा दिया था। जैन करीब तीन दशकों से चैनल से जुडे थे। उन्होनें 28 जनवरी को एक ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी। चैनल का मुख्य चेहरा रहे रवीश कुमार का कंपनी को छोडने का फैसला चर्चा का विषय रहा था।
निधि ने 2020 में हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढाने के लिए 21 सालों बाद कंपनी से इस्तीफा दिया था। बाद में यह पुष्टि की गई थी कि राजदान से किया गया यह दावा एक सुसंगठित फिशिंग स्कैम था। निधि, फरवरी 2022 में फिर कंपनी से जुड गयी थी।
निधि चैनल की कार्यकारी (एगजिक्यूटिव) एडिटर औऱ मुख्य एंकर चेहरा थीं। वह डिबेट शो लेफ्ट, राइट एंड सेंटर और साप्ताहिक डिबेट शो द बिग फाइट की मुख्य प्रस्तुतकर्ता थीं। 1999 से निधि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और शो होस्ट कर चुकी हैं। उन्होनें राजनीतिक, आर्थिक औऱ सामाजिक मामलों को अपने करियर के दौरान रिपोर्ट किया है। निधि ने भारतीय राजनीति औऱ विदेशी मामले मुख्य रुप से रिपोर्ट किए हैं। निधि द्वारा कवर किए गए विषयों में भारत औऱ अमेरिका की न्यूक्लियर डील, जम्मू-कश्मीर चुनाव, 2001 के गुजरात भूकंप और 2005 के दौरान कश्मीर के हालात आदि मुख्य हैं।
निधि का खबरों को प्रस्तुत करने तरीका बहुत ही अलग और सरल था। निधि का व्यक्तित्व आम जिंदगी में भी बहुत ही सरल और साधारण था। निधि को उनकी पत्रकारिता के लिए कईं पुरस्कार भी मिले हैं। उनकों प्रसिद्ध रामनाथ गोयंका पुरस्कार सहित जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार पुरस्कार, न्यूज शो होस्ट आफ द ईयर 2010 औऱ कठुआ गैंगरेप पर पत्रकारिता के लिए इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
एनडीटीवी पर अडानी ग्रुप के अधिकार के बाद से एक के बाद एक बडे चेहरे चैनल से जा चुके हैं। अडानी का आधिपत्य चैनल पर किस सीमा तक हावी होगा, यह देखने वाली बात होगी।
गौरतलब है कि 23 दिसंबर को कंपनी के फाउंडर और मालिक प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने अपनी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी छोड़कर बाकी हिस्सा अडानी ग्रुप को बेच दिया। इसके बाद अडानी ग्रुप एनडीटीवी का सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया।

 

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