प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में एक और नया इतिहास जुड़ गया है। एचआरडी मिनिस्टर डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के मंत्रालय का नाम अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में इसका ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस बैठक में लम्बे समय से चर्चाओं में रहने वाली नयी शिक्षा नीति को 34 साल बाद मंजूरी मिल गयी है।
आपको बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्र सरकार को ये प्रस्ताव दिया था कि उनके मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए जिसपर आज मोदी कैबिनेट ने अपनी मोहर लगा दी… इसके साथ ही देश में नई शिक्षा नीति को भी स्वीकृति दे दी गई। इस बड़े फैसले के बाद जानकार ये दावा आकर रहे हैं कि इस फैसले के साथ पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही नियामक संस्था होगी, ताकि अव्यवस्थाओं को समाप्त किया जा सके।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसकी घोषणा की । नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसकी घोषणा की । नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।
1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा की थी जिसके बाद पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति ने नयी एजुकेशन पालिसी का मसौदा तैयार किया है।
हांलाकि कुछ राज्यों में हिंदी को लागू किए जाने को लेकर चिंता है, लेकिन एचआरडी मंत्रालय ने इसे दूर करने का भरोसा दिया है। शिक्षा क्षेत्र के सुधारों की पीएम मोदी की ओर से समीक्षा के बाद सरकार ने कहा था कि सरकार का उद्देश्य सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा में सुधार लाना है। एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लाया जाएगा जिसका फोकस कई भाषाओं, 21वीं सदी की कुशलता, खेल और कला आदि के समावेश पर होगा।