उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास ही है स्वास्थ्य महकमा ऐसे में विपक्षी कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा पर सवाल खड़े किये हैं। पूर्व मंत्री नैथानी ने कहा कि उत्तराखंड में किडनी रोग से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ रही है इसमें नौजवान अधिक प्रभावित हो रहे हैं जो चिंता का विषय है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से प्रत्येक जिला चिकित्सालय में डायलेसिस मशीनें भेजी गई किन्तु उनका संचालन करने के लिए डॉक्टर एवं टेक्नीशियनों का अभाव है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में भी चाहे श्रीनगर हो या हल्द्वानी हो और चाहे देहरादून हो में कम से कम बीस मशीनें किडनी रोग से प्रभावित बढ़ते मरीजों को देखते हुए होनी चाहिए। जबकि मात्र 3-4 मशीनें है और डॉक्टर 1-1 है एवं टेक्नीशियनों का अभाव है। जिससे जनता परेशान है।
मौजूदा भाजपा सरकार इस गंभीर विषय पर समस्या के समाधान के लिए तैयार नहीं दिख रही है। विभाग द्वारा कई प्रस्ताव शासन में भेजे गए लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीन सालों से न डायलेसिस मशीनें स्वीकृत की और न ही उनके संचालन के लिए डॉक्टर एवं टेक्नीशियनों की समुचित व्यवस्था की। अब इस मुद्दे पर पूर्व मंत्री ने कहा है कि कांग्रेस इस मामले पर सरकार से समस्या के समाधान की मांग कर रही है।