विश्व कविता दिवस 2022 : कविता भाषा का एक सौंदर्य रूप, जानिए क्यों मनाया जाता है यह दिवस
हर साल विश्व कविता दिवस 21 मार्च को मनाया जाता है। यह लोगों के बीच एक लोकप्रिय दिन है, विश्व कविता दिवस का उद्देश्य प्राचीन भाषाओं के अस्तित्व, विश्व के विकास में कविता की भूमिका को याद रखना है। आज के दिन कवियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और लोगों को कविताओं के माध्यम से उनकी कविताओं को याद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। भाषा को पढ़ने और समझने योग्य सबसे पुराना तरीका कविता रूप रहा है। प्राचीन काल में भी भाषा को जीवित रखने का सबसे अच्छा तरीका कविता मानी जाती थी। कविताएं लोगों को अपने विचारों और भावनाओं को लयबद्ध रूप में व्यक्त करने में मदद करती हैं। आज के समाज में जिस तरीके से बदलाव हो रहे हैं ऐसे में अतीत में कवियों के योगदान को धीरे धीरे सब भूलते जा रहे हैं। प्राचीन समय में विभिन्न तरीकों से भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिससे मानव के ज्ञान और समझ का सौंदर्यीकरण हुआ।
यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी, जिसका उद्देश्य कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था। आज भारत की बात करें तो हर किलोमीटर की दूरी पर भाषाएं बदल जाती हैं। माना जाता है कि संस्कृत सबसे पौराणिक भाषा है और प्राचीन समय में जो भाषा बोली जाती थीं उन्हें कहीं लिखा नहीं गया। लेकिन प्राचीन समाजों के बुद्धिजीवी सार्थक कविता लिखने के लिए प्रसिद्ध थे, जिसे याद रखना आसान था और वह मौखिक रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आसानी से पहुंच जाती थी। कविताएं हमेशा से समाज में अपनी गहरी छाप छोड़ती आईं हैं। आधुनिक युवा पीडियों को प्रोत्साहन देने के लिए आज का दिन मनाया जाता है।