जानिए क्या है ‘ला नीना’ जिसकी वजह से इस साल पड़ेगी कड़ाके की ठण्ड
-आकांक्षा थापा
नवंबर महीने की शुरुआत से ही ठण्ड में इजाफा देखने को मिल रहा है। देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से नीचे पहुँच चुका है। वहीँ माना जा रहा है की इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है और यह ला नीना की वजह से ऐसा हो रहा है… दरअसल, मौसम विभाग ने पहले ही कहा था कि भारत में सामान्य से ज्यादा मौसमी बारिश और कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. अगस्त और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है और तभी ला नीना की स्थिति बनेगी. पिछली बार की बात करें तो ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक बनी थी और सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी और सर्दियां भी जल्दी शुरू हो गई थीं, साथ ही साथ कड़ाके की सर्दी भी पड़ी थी…
ला नीना क्या है..?
दरअसल ला नीना एक स्पेनिश वर्ड है, जिसका अर्थ है छोटी बच्ची… यह एक तरह से हवाओं की स्थिति हैं, जिसकी वजह से भारत में मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है, क्योंकि इन हवाओं से ही मौसम, बारिश आदि की स्थिति बनती है… पूर्वी प्रशांत महासागर के सतह पर कम हवा का दबाव होने पर ये स्थिति पैदा होती है… वहीँ, इससे समुद्री सतह का तापमान काफी कम हो जाता है और इसका असर मौसम पर पड़ता है.. .
आपको बता दें, ला नीना का चक्रवात पर भी असर होता है.. ये अपनी गति के साथ ट्रोपिकल साइक्लोन्स की दिशा भी बदल सकती है… जब उत्तरी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया में जब काफी नमी वाली स्थिति पैदा होती है तो इससे इंडोनेशिया के पास बारिश होती है… वहीं कई जगह सूखा तो कई जगह ज्यादा बारिश होती है. वैसे इससे भारत में तेज ठंड पड़ती है.
बता दें कि सर्दी के मौसम में हवाएं उत्तर पूर्व के भूभाग की ओर से बहती हैं, जिन्हें उच्चवायुमंडल में दक्षिण पश्चिमी जेट का साथ मिलता है। लेकिन, जब एल नीना एक्टिव होता है तो ये इन हवाओं को दक्षिण की ओर धकेल देती है. इससे ज्यादा वेस्टर डिस्टर्बेंस होते हैं और इससे बारिश होती है। साथ ही ये बर्फबारी की वजह बनती है और ठंड बढ़ जाती है…