Home अंतरराष्ट्रीय कोह-ए-नूर का मसूरी से है संबंध, महाराजा रणजीत सिंह से जुड़ा है...

कोह-ए-नूर का मसूरी से है संबंध, महाराजा रणजीत सिंह से जुड़ा है इतिहास

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बीती 8 सितंबर को 96 साल की उम्र में निधन हो गया था। अब एलिजाबेथ का कीमती कोहिनूर हीरे से जड़ा मुकुट यानी क्राउन अगली पीढ़ी के पास चला जाएगा। महारानी की मौत के बाद कोहिनूर हीरा फिर एक बार चर्चाओं में आ गया है। साथ ही कोहिनूर हीरे को भारत लाने की मांग भी उठने लगी है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस बेशकीमती हीरे का मसूरी से भी नाता रहा है। क्योंकि कोहिनूर हीरे के असली मालिक महाराजा रणजीत सिंह का मसूरी में इतिहास छुपा हुआ है। अंग्रेजों ने महाराजा रणजीत सिंह की संपत्ति और धन दौलत पर कब्जा कर लिया था। अंग्रेज चाहते थे कि महाराजा दलीप सिंह यानी रणजीत के बेटे को लाहौर से दूर रखा जाए। लिहाजा अंग्रेजों ने महाराजा दलीप सिंह, उनकी मां, उनके चचेरे भाई नौनिहाल सिंह को साल 1852 से 1853 तक मसूरी में रखा गया था। बता दें कि मसूरी अंग्रेजों द्वारा बसाई गई थी। जिसके तहत अंग्रेजों ने मसूरी के मेडक स्कूल (वर्तमान में होटल सवाय में दलीप सिंह को शिक्षा दी। जहां दलीप सिंह को ईसाई समुदाय के बारे में पढ़ाया गया। क्योंकि, अंग्रेज दलीप सिंह को ईसाई बनाना चाहते थे। जिसमें वे सफल भी हुए। कोहिनूर को दुनिया के सबसे कीमती हीरे के रूप में जाना जाता है. मूल रूप में ये 793 कैरेट का था. अब यह 105.6 कैरेट का रह गया है. जिसका वजन 21.6 ग्राम है. यह हीरा भारत में 14वीं सदी में मिला था. जो आंध्र प्रदेश के गुंटूर में काकतीय राजवंश के शासनकाल में गोलकोंडा खनन क्षेत्र में मिला था. तब ये मालवा के राजा महलाक देव की संपत्ति में शामिल था। वारंगल में एक हिंदू मंदिर में इसे देवता की एक आंख के रूप में इस्तेमाल किया गया था, यहां मुगलों ने इसे लूट लिया। जिसके बाद ये हीरा मुगलों के पास ही रहा। मुगल साम्राज्य के कई शासकों को सौंपे जाने के बाद सिख महाराजा रणजीत सिंह ने लाहौर से कोहिनूर हीरे को हासिल कर लिया। जिसे वे पंजाब लेकर आए थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

सीएम धामी की सुरक्षा में तैनात कमांडो की संदिग्ध परिस्थिति में मौत, खुद को गोली मारकर आत्महत्या की खबर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई है। बताया जा रहा है उन्होंने...

पर्यटकों के लिये खुल गई विश्व धरोहर फूलों की घाटी,आज से कर सकते हैं घाटी का दीदार

विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। घाटी के पैदल रास्ते पर दो जगह पर भारी हिमखंड...

नदियों के अतिक्रमण पर आज से होगी कार्यवाई, राज्य की 25 नदियां से हटेंगे अवैध कब्जे

मजारों, शहरी अतिक्रमण के बाद आज से धामी सरकार का बुलडोजर नदियों के किनारे बने अवैध निर्माणों पर गरजने वाला है। इसके लिये सभी...

जेठ के महीने में भादो जैसे हालात, उफान पर उत्तराखंड नदियां, सूखी नदियां में बाढ़ जैसे हालात

मानसून आने में अभी वक्त है। लेकिन, बीते सोमवार से हो रही बारिश का सिलसिला किसी मानसून से कम नहीं है। बेमौसम हो रही...

धामी कैबिनेट में लिये गये बड़े फैसले, क्या-क्या फैसले लिये यहां पढ़िए

उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग) (पंचायत राज और स्थानीय निकाय) (नियुक्ति और सेवा की शर्तें) (संशोधन) नियमावली - 2023 के संबंध में केबिनेट...

हरिद्वार में बड़ा सड़क हादसा, 41 सवारियों से भरी बस खाई में गिरी, एक मासूम समेत दो की मौत

हरिद्वार के चंडी चौक से करीब 200 मीटर आगे नजीबाबाद की तरफ एक रोडवेज बस बेकाबू होकर 20 मीटर नीचे खाई में गिर गई।...

जमरानी बांध की लागत बढ़ी, उत्तराखंड ने केंद्र से इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आग्रह किया

हल्द्वानी शहर के बाहरी इलाके में स्थित परियोजना को अगले महीने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों द्वारा मंजूरी मिलने की उम्मीद है; हालांकि,...

सीएम धामी के पुराने सहयोगी रहे नंदन सिंह बिष्ट का निधन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पुराने सहयोगी रहे नंदन सिंह बिष्ट का मंगलवार को निधन हो गया। सीएम धामी ने उनके निधन पर शोक...

मई के महीने में लू लापता, आधी-तूफान ओले और बारिश ने कराया सर्दी का एहसास

कहीं तेज बारिश, कहीं जोरदार ओलावृष्टि, कहीं तूफान तो कहीं बर्फबारी... उत्तराखंड में मौसम ने ऐसी करवट ली कि मई के महीने में सर्दी...

साहिल का पूछताछ में खुलासा, पुलिस को चकमा देने के लिए बदली 2 बसें

दिल्ली में 16 साल की लड़की की चाकू मारकर हत्या के आरोपी साहिल को आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा। रविवार रात सरेराह...