Saturday, April 27, 2024
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अगले साल मार्च में शुरू होगा केदारनाथ रोपवे का काम, उत्तराखण्ड का होगा सबसे लम्बा रोपवे

केदारनाथ यात्रा को सुलभ व सरल बनाने की कवायद शुरू हो गई है। उत्तराखंड में सबसे लंबे रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। कार्यदायी संस्था द्वारा रोपवे निर्माण के लिए केंद्र सरकार को 945 करोड़ की डीपीआर भेजी जा रही है।

केदारनाथ के लिए 13 किमी लंबे रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने एक कंपनी को सौंपी है। कार्यदायी संस्था के वन भूमि सलाहकार के साथ प्रशासन और वन विभाग ने रोपवे निर्माण के लिए संयुक्त भूमि सर्वेक्षण पूरा कर दिया है। रोपवे निर्माण के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 11 हेक्टेयर भूमि अधिगृहित की गई है। 22 टॉवर के सहारे बनने वाले रोपवे के डिजायन का लेआउट भी कार्यदायी संस्था ने तैयार कर दिया है। रेंजर पंकज ध्यानी ने बताया मंगलवार से केदारनाथ वन जीव प्रभाग के ऊखीमठ रेंज ने सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे निर्माण के लिए अधिगृहित की गई भूमि में पेड़ों की गिनती शुरू कर दी है। रेंज कार्यालय द्वारा रिपोर्ट प्रभागीय कार्यालय गोपेश्वर भेजी जाएगी जहां से मुख्यालय को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून से अनुमति के बाद कार्यदायी संस्था द्वारा रोपवे निर्माण के लिए 945 करोड़ की डीपीआर भेज दी जाएगी। मार्च 2023 से सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे का निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

रोपवे के लिए बनेंगे चार यात्री स्टेशन

सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे पर चार स्टेशन गौरीकुंड, चीरबासा, लिनचोली और केदारनाथ में बनेंगे। रोपवे से एक समय में दो से ढाई हजार यात्री एक तरफा जा सकेंगे। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे से 13 किमी की दूरी लगभग 30 से 35 मिनट में पूरी हो सकेगी।

डेढ़ दशक पूर्व मिल गई थी स्वीकृति 

वर्ष 2005 में रामबाड़ा-केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिली थी। तब उत्तरांचल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी ने भूमि सर्वेक्षण सहित अन्य औपचारिकताएं भी पूरी की थीं। शासन को 70 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव भेजा था। शासन स्तर पर रोपवे निर्माण को पीपीपी मोड में कराने का निर्णय लिया गया लेकिन किसी भी कंपनी ने निविदा नहीं डाली।

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