केदारनाथ धाम का सफर होगा आसान और रोमांचक, केदारनाथ रोपवे होगा विश्व के सबसे लंबे रोपवे में शामिल
अब केदारनाथ धाम का सफर आसान और रोमांचक होने वाला है…जल्द ही केदारनाथ में पर्यटकों को रोपवे की सुविधा मिलेगी.. उत्तराखंड का ये केदारनाथ रोपवे विश्व के सबसे लम्बे रोपवे में से एक होने वाला है। इसके लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे निर्माण के मद्देनजर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार की जा रही है। न सिर्फ केदारनाथ, बल्कि हेमकुंड साहिब के लिए भी रोपवे की तैयारियाँ जोरो-शोरों से चल रही हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार केदारनाथ रोपवे विश्व के सबसे लंबे रोपवे में शामिल हो जाएगा। इसकी लंबाई लगभग 11.5 किलोमीटर होगी और 25 मिनट में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पहुंचा जा सकेगा।
चलिए जान लेते हैं की इस रोपवे से क्या-क्या सुविधायें मिलेंगी …
– समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के लिए गौरीकुंड से धाम तक की पैदल दूरी करीब 16 किलोमीटर की है, जबकी सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मोटर योग्य दूरी 8 किमी है। इस प्रकार कुल पैदल यात्रा 24 किलोमीटर की हो जाती है। लेकिन 11.5 किलोमीटर लम्बे इस रोपवे की मदद से श्रद्धालुओं को झटपट धाम तक पहुँचाया जायेगा, साथ ही रोपवे के सर्फ के दौरान उन्हें उत्तराखंड की सुन्दर पहाड़ियों और दृश्यों का आनंद भी प्राप्त होगा।
– वहीँ, केदारनाथ धाम के रोपवे को देखते हुए हेमकुंड साहिब के लिए भी रोपवे की मांग उठी, हेमकुंड साहिब तक पहुंचने को घांघरिया से लगभग 5 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच नवंबर को केदारनाथ में कहा था कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे पर काम हो रहा है.. इस कड़ी में अब रोपवे का काम तेज़ी से हो रहा है।
– वहीँ, पर्यटन की दृष्टि से भी उत्तराखंड के लिए यह एक बहुत बड़ा कदम साबित होगा। पूरी दुनिया का सबसे लम्बा रोपवे उत्तराखंड में बनेगा तो ज्यादा से ज़्यादा पपर्यटक उत्तराखंड की और आकर्षित होंगे, यह उत्तराखंड टूरिज्म को बूस्ट करने में मददगार साबित होगा।
– दुनिया का सबसे लम्बा रोपवे मेक्सिको सिटी का Cablebus 2 LEITNER gondola lift है, यह 10.55 किलोमीटर लम्बा है.. बहुत जल्द उत्तराखंड का केदारनाथ रोपवे इसे टक्कर देगा।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार प्रदेश में रोपवे निर्माण के मद्देनजर सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से एमओयू किया हुआ है। प्राधिकरण ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के रोपवे निर्माण के लिए डीपीआर बनाने का जिम्मा एक कंपनी को सौंपा है, इसके अलावा इस तरह की निविदा भी आमंत्रित की गई है, जिससे निजी क्षेत्र इन परियोजनाओं के लिए आगे आए। यदि ऐसा नहीं होता है तो सरकार इन दोनों रोपवे का निर्माण कराएगी।