केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने भेजा पीएम मोदी को खून का पत्र, सरकार को दी चेतावनी
-आकांक्षा थापा
उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग लगातार उठ रही है… ख़ास तौर पर तीर्थ पुरोहितों में नाराज़गी देखने को मिल रही है.. और इसी के विरोध में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में तीर्थपुरोहितों ने आंदोलन तेज कर दिया है.. करीब 58 दिनों से केदारनाथ में बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहितो द्वारा धरना प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही थी, लेकिन अब मामला एक कदम और आगे निकल गया है। जी हाँ, तीर्थपुरोहितों ने कुछ ऐसा कर दिया है जिसकी सरकार को शायद उम्मीद भी नहीं थी…
दरअसल, अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित युवा महासभा के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री को खून से लिखा पत्र भेजा है। इस दौरान उन्होंने तीर्थपुरोहितों के हितों की रक्षा के लिए शीघ्र देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग की। आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि बीते दो सालों से उत्तराखंड के चारों धामों में देवस्थानम बोर्ड का विरोध चल रहा है लेकिन राज्य सरकार मौन बैठी है। साथ ही उन्होंने कहा की सरकार को इस आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है, और इसे लेकर अबतक तीर्थपुरोहितों से कोई वार्ता भी नहीं की गई है। इसी के विरोध में केदारनाथ में बुधवार को देवस्थानम बोर्ड के विरोध में प्रधानमंत्री मोदी को खून का पत्र लिखा गया…
अपने खून से लिखे हुए इस पत्र में उन्होंने कहा कि कि देवस्थानम बोर्ड का गठन करके सनातन धर्म की पौराणिक परम्पराओं के साथ छेड़छाड़ हुई है। विगत दो वर्षों से उत्तराखण्ड के चारो धामें के तीर्थ पुरोहितों का बोर्ड के खिलाफ आंदोलन जारी है। ऐसे में प्रधानमंत्री को अपने स्तर से बोर्ड को शीघ्र भंग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों को प्रधानमंत्री से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन तीर्थ पुरोहितों की उम्मीदें धरी की धरी रह गई हैं।
इसके अलावा बोर्ड के खिलाफ तीर्थपुरोहितों ने आंदोलन तेज़ करने की चेतावनी भी दी और कहा की अगर बोर्ड को भांग नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे। तीर्थ पुरोहितों ने कहा की वे बोर्ड को भंग करने के लिए आर पार की लड़ाई करंगे, साथ ही देशभर के तीर्थ पुरोहित बोर्ड के विरोध में सीएम आवाज़ कूच करेंगे।