Wednesday, April 24, 2024
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अब आप भी कश्मीर में घर बना सकते हैं – पुराने कानून निरस्त

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पुराने 11 क़ानूनों को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही यहां कोई भी भारतीय बिना डोमिसाइल के कृषि भूमि को छोड़कर ज़मीन ख़रीद सकता है.

बीते वर्ष 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद गृह मंत्रालय से आए इस आदेश को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों ने इस अधिसूचना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह ‘कश्मीर को सेल’ पर लगाने जैसा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में इस अधिसूचना पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कृषि भूमि को किसानों के लिए आरक्षित रखा गया है और कोई भी इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा.गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय क़ानूनों के अनुरूप) के तीसरे आदेश 2020 के तहत 11 क़ानूनों को निरस्त किया. अधिसूचना के मुताबिक़, यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

जिन क़ानूनों को पूरे तौर पर निरस्त किया जा रहा है, उनमें जम्मू-कश्मीर एलिनेशन ऑफ़ लैंड एक्ट, जम्मू ऐंड कश्मीर बिग लैंडेड इस्टेट्स एबोलिशन एक्ट, जम्मू ऐंड कश्मीर कॉमन लैंड्स (रेगूलेशन) एक्ट, 1956 आदि शामिल है.

गृह मंत्रालय ने पहले के अधिकांश भूमि क़ानूनों को निरस्त कर दिया है, जिसमें जम्मू ऐंड कश्मीर ऑफ़ प्रीवेंशन ऑफ़ फ्रैग्मेंटेशन ऑफ़ एग्रीकल्चर होल्डिंग एक्ट, 1960 शामिल है.

इसके अलावा इसमें जम्मू ऐंड कश्मीर ऑन कन्वर्सन ऑफ़ लैंड ऐंड एलिनेशन ऑफ़ आर्चार्ड एक्ट, 1975; जम्मू कश्मीर राइट ऑफ़ प्रायर पर्चेज़ एक्ट, 1936; जम्मू कश्मीर टिनेंसी (स्टे ऑफ़ इजेक्टमेंट प्रोसिडिंग्स) एक्ट 1966 का खंड 3; द जम्मू ऐंड कश्मीर यूटिलाइज़ेशन ऑफ़ लैंड एक्ट 2010; और द जम्मू ऐंड कश्मीर अंडरग्राउंड यूटिलिटिज़ एक्ट शामिल हैं.

बीते वर्ष 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में विभाजित कर दिया था. अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था.

बीते वर्ष अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले, जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासियों को छोड़कर कोई भी यहां ज़मीन नहीं ख़रीद सकता था.

हाल ही में, भारत सरकार ने कहा था कि केवल डोमिसाइल प्रमाणपत्र धारक या यहां के स्थायी निवासी ही इन केंद्र शासित प्रदेशों में ज़मीन या संपत्ति ख़रीद सकते हैं

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