दौर उन्नीस सौ सत्तर अस्सी का ….. नजीबाबाद और लखनऊ आकाशवाणी से गूंजती थी एक पहाड़ी गायिका की स्वरलहरी …. और झूमता था पूरा पहाड़ और उनके अनगिनत प्रशंसक …..
कुमांऊनी गीतों के कार्यक्रम में एक ऐसी खनकती आवाज लोगों के जेहन में उतर जाती थी …. हाई पिच पर गाया गया वो गीत जिसके बोल थे … आज पनि झौं–झौ, भोल पनि झौं–झौं, पोरखिन त न्है जूंला” और “पहाड़ों को ठण्डो पाणि, कि भलि मीठी बाणी”…. जी हाँ एकदम सही समझे आप आज जय भारत टीवी आपको पहाड़ की तीजन बाई कही जांने वाली राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कबूतरी देवी से जुडी एक ऎसी खबर बता रहा है जिसको जानकार हर उत्तराखंडी को अफ़सोस होगा ….
जी हाँ सही सुना आपने …. देवभूमि के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के मूनाकोट ब्लाक के क्वीतड़ गांव की रहने वाली कबूतरी देवी की होनहार बेटी ने जब उनकी गायिकी की विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला किया होगा तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन उन्हें अपनी ज़िंदगी उत्तराखंड और पहाड़ प्रेमियों से अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए आर्थिक सहयोग भी मांगना पड़ेगा …… जी हाँ सही सुना आपने पहाड़ की पहचान और कुमायूनी गीतों से उत्तराखंड की शान बढ़ाने वाली कबूतरी देवी की बेटी आज अपने ही प्रदेश सरकार और उत्तराखंडी भाइयों से मदद मांग रही है … पहाड़ की सुरीली आवाज़ मानी जाने वाली देवभूमि उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका कबूतरी देवी का परिवार लम्बे समय से सरकारों की बेरुखी का शिकार होता रहा है। आज हालत ये है कि उनकी गायिका बेटी हेमंती देवी के पास अब इलाज़ कराने को पैसे नहीं है
और वो मजबूर होकर आज आपसे मदद की गुहार लगा रहा है। उस गायिका के संगीत कला पर गरीबी का काला साया मंडरा रहा है … अपनी मां कबूतरी देवी की चिटा को आग देने वाली और लोक गीतों की गायिका बेटी हेमंती देवी ने मां के साथ कई गीत गाकर उनकी विरासत आगे बढ़ाने का जिम्मा उठाया था ….. लेकिन दुर्भाग्य है कलाकार की किस्मत पर कि आज वही बेटी अपने स्वर आलाप लेने में नाकाम है क्यूंकि उसको गले से संबंधित गंभीर बीमारी ने जकड लिया है और वह पहाड़ के सुरीले गीत भी नहीं गा पा रही हैं।
हेमंती देवी ने अपना इलाज़ मुंबई में कराया जहाँ गले के ऑपरेशन के बाद भी उनकी बीमारी ठीक नहीं हो सकी है । आपको बता दें कि कबूतरी देवी के निधन के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमज़ोर होती चली गयी इस पर आफत बनी पैंतालीस साल की हेमंती देवी की गले की बिमारी जिसमें उनकी आवाज बैठने लगी। हांलाकि कोरोना संकट से पहले ही मुंबई में इसी साल फरवरी में उनके गले का ऑपरेशन हुआ। उन्हें लगा की सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन पिछले दुर्भाग्य से बीते दो महीने से उनके गले में वही दिक्कत फिर शुरू हो गई। अस्वस्थ होने के बाद से ही वो गीत गाना बंद कर चुकी हैं।

लोक गायिका स्व. कबूतरी देवी की बेटी हेमंती देवी के पति की आर्थिक हालत भी बेहद खराब हो चुकी है । उत्तराखंड सरकारों पर गुस्सा जताते हुए हेमंती कहती हैं कि उनकी मां की मृत्यु के समय की गई सरकारी घोषणाओं की मदद भी उन्हें अब तक नहीं मिली है। ऐसे में अब उनको अपने उत्तराखण्डी प्रशंसकों से ही मदद की उम्मीद है।

लोक गायिका स्व. कबूतरी देवी की बेटी हेमंती देवी के पति की आर्थिक हालत भी बेहद खराब हो चुकी है । उत्तराखंड सरकारों पर गुस्सा जताते हुए हेमंती कहती हैं कि उनकी मां की मृत्यु के समय की गई सरकारी घोषणाओं की मदद भी उन्हें अब तक नहीं मिली है। ऐसे में अब उनको अपने उत्तराखण्डी प्रशंसकों से ही मदद की उम्मीद है।
जय भारत tv को तहे दिल से सुक्रिया आपने कबूतरी देवी जी की लड़की के बारे खबर पाठकों तक पहुंचाई।
मान्यवर उनका फोन नम्बर व एकाउंट नम्बर भी मिल जाता तो ओर अच्छा रहता।
details will send u soon thank for ur response