Tuesday, November 5, 2024
अंतरराष्ट्रीयअल्मोड़ाउत्तर प्रदेशउत्तरकाशीउत्तराखंडउधम सिंह नगरचमोलीचम्पावतटिहरी गढ़वालदिल्लीदेहरादूननैनीतालपिथौरागढ़पौड़ी गढ़वालबागेश्वरमनोरंजनराज्यरुद्रप्रयागहरिद्वार

हिमालयन कल्चरल सेंटर – उत्तराखंड के लोक कला को मिली एक नयी पहचान 

पर्यटन और धार्मिक विरासत में अब एक नया अध्याय उत्तराखंड की धरोहरों में जुड़ गया है। पहाड़ की लोक  कला गीत संगीत नाट्य और अभिनय को आलिशान मंच देने में देवभूमि भी आग किसी से कम नहीं होगी …. बीते कई सालों से राजधानी देहरादून में संस्कृति विभाग के मेगा प्रोजेक्ट यानि हिमालयन कल्चरल सेंटर सजधज के साथ हाई टेक एकुप्मेंट्स और फैसिलिटी के साथ बनकर तैयार हो गया है। पर्यटन मुख्यालय के समीप गढ़ी कैंट में बने इस आलिशान सेंटर की कई खूबियां है जो इसको देश में विख्यात कर सकेंगी।  

पहाड़ की  समृद्ध लोकविरासत को नयी दिशा देने में राज्य सरकार की वो बहुप्रतीक्षित योजना अब धरातल पर साकार हो रही हैं। जिसमें पहाड़ के हज़ारों लोक कलाकारों को एक नया आकाश मिलेगा जहाँ वो अपनी उड़ान को भर सकेंगे। इस 67.3 करोड़ की लागत से तैयार हुए संस्कृति विभाग के अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर में अत्याधुनिक ऑडिटोरियम,  संग्रहालय, ओपन थिएटर जैसी सभी सुविधाएं बड़े सलीके से तैयार की गयी हैं कोरोना संकट के आपाधापी के बीच ये खबर राज्य के लोक कलाकारों के लिए बेहद उत्साहित करने वाली है।  इस सेंटर के संग्रहालय में राज्य की सभ्यता, संस्कृति से जुड़े नज़ारे भी लोगों को दिखाई देंगे 

इस मोर्डर्न कल्चरल सेंटर के पीछे एक मकसद है और वो है लोककलाओं के संरक्षण के साथ ही लोक संस्कृति को प्रभावी मंच दिया जा सके 

कलाकारों के लिए क्यों ख़ास है कल्चरल सेंटर –  

सांस्कृतिक केंद्र में 2518 वर्गमीटर क्षेत्र पर 825 सीटर और विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है।साथ ही 12203 वर्गमीटर क्षेत्र में राज्य स्तरीय संग्रहालय बनाया गया है।

ऑडिटोरियम डिजिटल और अत्याधुनिक ध्वनि प्रणाली से लैस है। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। भवन में चार म्यूजियम हॉल, दो एक्जीबिशन गैलरी, मीटिंग हॉल, लाइब्रेरी भी है।बिल्डिंग में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी है। ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बने इस सांस्कृतिक केंद्र के भवन में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनाया गया है। बताया गया कि इसमें ऑटोक्लीन सेफ्टीटैंक तकनीक का भी प्रयोग किया गया है। सांस्कृतिक केंद्र परिसर में 300 से अधिक वाहनों के पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।

हिमालयन कल्चरल सेंटर का संग्रहालय उत्तराखंड की सभ्यता, संस्कृति के संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा। संस्कृति विभाग की माने तो इस संग्रहालय में उत्तराखंडी खान-पान, वास्तुकला, रीति-रिवाज, ज्वेलरी, पांडुलिपियां, स्मारकों की शैली, सिक्के, लोकवाद्य समेत राज्य की लोक संस्कृति से जुड़ी मूर्त-अमूर्त वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी।

यानी अगर अब पर्यटकों और कलाकारों  उत्तराखंड की अनमोल विरासत के दीदार करने हैं तो वो देहरादून के इस हिमालयन कल्चरल सेंटर का रुख कर सकते हैं 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *