चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को कई नियमो का पालन करना है, लेकिन उनके साथ अब वाहन चालकों के लिए भी नियम सख्त कर दिए गए है। जी हाँ, यात्रा के लिए पहाड़ के ड्राइवरों को भी ‘परीक्षा’देनी पड़ रही है। इसके लिए हिल इंडोर्स डीएल मांगा जा रहा है। इसके बिना चारधाम जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ ने स्थानीय ड्राइवरों के लिए हिल इंडोर्स की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है। कॉमर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड जरूरी है।
आपको बता दे कि इसके लिए डीएल हिल इंडोर्स होना चाहिए। पहले ड्राइवरों को आरटीओ दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते थे, अब यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है। साइट पर वीडियो देखने के बाद 15 अंकों का टेस्ट होगा, पास होने वालों को हिल इंडोर्स दिया जाता है। मगर, उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जो ड्राइवर पहाड़ों पर लंबे समय से गाड़ी चला रहे हैं, उनके लिए हिल इंडोर्स की औचित्य नहीं है। इस बारे में परिवहन सचिव से मुलाकात भी हुई है, स्थानीय ड्राइवरों के लिए हिल इंडोर्स की बाध्यता समाप्त करने की मांग की है। लेकिन फ़िलहाल, चारधाम यात्रा के नियमो के अनुसार…. हिल इंडोर्स कॉमर्शियल वाहन चालकों के लिए जरूरी ही है । शासन के स्तर से इसमें बदलाव हो सकता है। हिल इंडोर्स के बिना ग्रीन कार्ड नहीं बन सकता।