उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में भारी बारिश, नैनी झील में डूबे निचले इलाके
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जगह-जगह तबाही मच रही है। खासतौर पर कुमाउं में भारी बारिश से मची तबाही की तस्वीरें डराने वाली हैं। जगह-जगह सड़कें बाधित हो चुकी हैं, दर्जनों पुल बह गये हैं, और बादल फटने की कई घटनाओं में अब तक 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बीते दिन नैनीताल में नैनी झील का जल स्तर रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। झील का पानी ओवर फ्लो होकर बहने लगा और लोवर माल रोड और ठंडी सड़क जल मग्न हो गई। तल्लीताल डाट पूरी तरह से पानी में डूब गया। हल्द्वानी रोड पर उफनता झील का पानी दुकानों घरों में जा घुसा है। इस दौरान भवाली मार्ग उफनती नदी में तब्दील हो गया। लोग दुकानों और घरों में कैद हो गये। लोगों को बाहर निकालने के लिये आर्मी के जवानों को बुलाना पड़ा। मल्लीताल में मौजूद प्रसिद्व नयना देवी मंदिर का पूरा परिसर भी पानी में डूब गया। यहां मंदिर के पुजारी को पूजा के लिये तैरकर मुख्य मंदिर तक जाना पड़ा। यह नैनीताल के इतिहास की पहली घटना थी जब पूरा निचला इलाका झील के पानी में समा गया। वहीं रामनगर में मां गर्जिया देवी मंदिर के पास की डराने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं। कोसी नदी के किनारे कॉर्बेट से सटे तमाम रिसोर्ट पानी में डूब गये। लोगों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हैलीकॉप्टर से पूरे कुमाउं क्षेत्र के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद सीएम सड़क मार्ग से नैनीताल, हल्द्वानी और रूद्रपुर के आपदाग्रस्त इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे। सीएम ने लोगों से अपील की है कि लोग आपदा के वक्त धैर्य बनाये रखें सरकार आपदा पीड़ितों की मदद और राहत बचाव के काम में जुटी हुई है।
आपको बता दें कि उत्तराखण्ड में पिछले दो दिन भारी बारिश हुई है। बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही कुमाउं क्षेत्र में मचाई है। बारिश से मची तबाही में अब तक अगल-अलग स्थानों पर 40 लोगों के मरने की सूचना है। देश के गृह मंत्री अमित शाह भी कुमाउं के अपादाग्रस्त इलाकों का हवाई निरीक्षण करने आज पहुंच रहे हैं।