Wednesday, October 16, 2024
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गोवर्धन पूजा 2021: दिवाली के अगले दिन क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा, जानिए ….

दीपावली का त्यौहार एक पांच दिवसीय उत्सव होता है, जो शुरू धनतेरस से होता है और खत्म भैया दूज पर होता है… दिवाली के अगले दिन ही गोवर्धन पूजा मनाई जाती है…. इस दिन गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकष्ण को पूजा जाता है… उत्तरप्रदेश में ये पर्व खासतौर से मनाया जाता है, इस दिन गायों की भी पूजा की जाती है क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को गायों से बहुत ज्यादा प्रेम था… आज के दिन गाय के गोबर से श्रीकृष्ण और गोवर्धन की प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है और उन्हें अन्नकूट, कढ़ी, चावल आदि का भोग लगाया जाता है… एहि कारण है की गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है…

गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा –

पौराणिक कथा के अनुसार जिस समय भगवान कृष्ण ब्रज में रहा करते थे, तब लोग अच्छी बारिश के लिए इंद्रदेव का पूजन करते थे… तब श्रीकृष्ण ने यशोदा मां से कहा कि हमें अन्न प्रकृति से मिलता है, हमारी गाय गोवर्धन पर्वत पर चारा चरती हैं, तो पूजा इंद्रदेव की क्यों की जाती है… उनका तो कर्म है पानी बरसाना, ये कर्म तो उन्हें करना ही चाहिए.. श्रीकृष्ण की बात से सभी ब्रजवासी सहमत थे… इसलिए उन्होंने इंद्र की बजाय गोवर्धन पूजा करने का मन बना लिया. इस बात से इंद्र रुष्ट हो गए… नाराज इंद्र देव ने क्रोधवश ब्रज पर तेज बारिश शुरू कर दी। उस समय ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया और सभी लोगों ने इस गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली. कहा जाता है कि सात दिनों तक श्रीकृष्ण ने इस पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर रखा था. इस बीच ब्रजवासियों पर पानी की एक बूंद भी नहीं आयी. .. तब ब्रह्माजी ने इन्द्र को बताया कि पृथ्वी पर विष्णु जी ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया है… उनसे बैर लेने का कोई फायदा नहीं। इसके बाद इंद्र को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमायाचना कर बारिश बंद कर दी… भगवान श्रीकृष्ण ने 7वें दिन गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और जिसके बाद सभी को प्रकृति से मिली सभी चीजों को मिलकर कर अन्नकूट बनाने के लिए कहा.. . उस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि थी.. . तब से आज तक इस दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और श्रीकृष्ण और उनकी प्रिय गायों की भी पूजा होती है… उन्हें अन्नकूट का भोग भी लगाया जाता है.. .

यहाँ जानिए गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त – 

5 नवंबर शुक्रवार को गोवर्धन पूजा की जाएगी… इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा करके प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया जाता है. इस दिन पूजा का शुभ समय दोपहर 03:02 बजे से लेकर रात 8 बजे तक रहेगा.

ये है पूजा विधि –

इस दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण बनाए जाते हैं… इसके बाद उन्हें धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित किया जाता है और अन्नकूट और कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है…

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