भारत तिब्बत व्यापार की गवाह रही और दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में शुमार गरतांग गली पर्यटकों के लिए खोल दी गई हैण्ण्ण्करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गरतांग गली का ऐतिहासिक महत्व हैण्ण्ण्उत्तराखंड में भारत.तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह ऐतिहासिक गर्तांग गली उत्तरकाशी के डीएम मयूर दीक्षित ने गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक व जिला पर्यटन विकास अधिकारी को गर्तांग गली को पर्यटकों के लिए खोलने के निर्देश दिए हैंण्ण्ण्ण्उन्होंने यहां आने वाले पर्यटकों से कोविड एसओपी का अनुपालन कराने एवं भैरवघाटी के पास चेकपोस्ट बनाकर क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों का पंजीकरण करने के निर्देश दिए हैंण्ण्ण्सीमांत जनपद उत्तरकाशी की भैरोंघाटी के समीप गर्तांग गली में खड़ी चट्टानों को काटकर लकड़ी से निर्मित सीढ़ीदार ट्रेक बनाया गया हैण्ण्ण्ण्जीर्णोद्धार कर 136 मीटर लंबे व 1.8 मीटर चौड़े लकड़ी से निर्मित सीढ़ीदार ट्रेक तैयार किया गया हैए जिसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया हैण्ण्ण्पर्यटकों व ट्रेक की सुरक्षा के लिए एक बार में अधिकतम 10 लोग ही जा सकेंगेण्ण्ण्ण्ट्रैक में झुंड बनाकर आवागमन करने या एक जगह बैठने पर भी पाबंदी होगीण्ण्ण्ण्सुरक्षा के दृष्टिगत ट्रेक की रेलिंग से नीचे झांकने पर भी पाबंदी लगाई गई हैण्ण्ण्ण्लोक निर्माण विभाग ने बीते अप्रैल महीने में करीब 64 लाख की लागत से गरतांग गली का पुनर्निर्माण का कार्य शुरू कियाण् ये लगभग तैयार होने को हैण् ऐसे में गरतांग गली की करीब 150 मीटर लंबी सीढ़ियां अब नए रंग में नजर आने लगी हैंण्ण्ण्ण् 17वीं शताब्दी ;लगभग 300 साल पहलेद्ध पेशावर के पठानों ने समुद्रतल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर उत्तरकाशी जिले की नेलांग घाटी में हिमालय की खड़ी चट्टानों को काटकर दुनिया का सबसे खतरनाक रास्ता तैयार किया था …..