उत्तराखंड में एक और नया अध्याय जुड़ने वाला है और मिलने वाली है नेही और बड़ी पहचान … विदेश मन्त्रालय के सहयोग से देहरादून में विदेश भवन बनने की योजना हकीकत में तब्दील होने जा रही है। विदेश मंत्रालय के अनुरोध पर राज्य सरकार ने इसके लिए सहमति दे दी है। साथ ही देहरादून जिले में विदेश मंत्रालय को दो एकड़ जमीन स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया। सचिव राजस्व ने जिलाधिकारी को जमीन चिह्नित कर अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है।
उत्तराखंड के सचिव राजस्व सुशील कुमार ने विदेश भवन के लिए दो एकड़ जमीन मुहैया कराए जाने की बात की भी पुष्टि की है। दून में विदेश भवन बनाने की कवायद लंबे समय से चल रही है। राज्य सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध न कराए जाने के कारण राज्यवासियों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा था। अमर उजाला इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है। इस भवन में विदेश मंत्रालय की सचिवालय शाखा से संबंधित सेवाएं मिलेंगी। उत्तराखंड के लोगों को इन सेवाओं के लिए दिल्ली के चक्कर नहीं काटने पडे़ंगे।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने उतराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इसके लिए दो एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट कार्यालयों, प्रवासी भारतीयों का संरक्षक कार्यालय, भारतीय सांस्कृतिक संबद्ध परिषद और सचिवालय शाखा आदि के माध्यम से दी जाने वाली मंत्रालय की विभिन्न सेवाओं को राज्यों के स्तर पर ही लोगों को आसानी से उपलब्ध कराने की योजना है। इसके लिए सभी राज्यों की राजधानी में विदेश भवन का निर्माण कराया जा रहा है।
विदेश भवन बन जाने से दून में विदेशों से कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो सकेंगे। उत्तराखंड से बड़ी संख्या में युवा विदेशों में प्राइवेट सेक्टरों में नौकरी करते हैं। कई बार इनके फर्जी कंपनियों, एजेंटों और गलत दस्तावेजों से ठगे जाने की शिकायतें आती हैं।विदेश भवन में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अलावा पासपोर्ट सेवा केंद्र भी एक साथ शिफ्ट होंगे। अभी दोनों दफ्तर किराए के भवनों में चल रहे हैं। इन दोनों दफ्तरों के बीच की दूरी छह किलोमीटर है। दोनों के एक साथ होने से पासपोर्ट आवेदकों को भी सहूलियत होगी।परिजन दून में विदेश भवन में जाकर ऐसे मामलों की शिकायत कर सकते हैं। इनका यहीं से समाधान किया जाएगा। इसके अलावा कुछ खास देशों में लेबर वर्क के लिए कम पढ़े-लिखे लोगों को जरूरी दस्तावेज पर नई दिल्ली से विदेश मंत्रालय की मुहर लगानी पड़ती है वो सारे काम देहरादून में ही आसानी से हो जायेगा।