Thursday, October 10, 2024
उत्तर प्रदेशउत्तराखंडकोविड 19दिल्लीपंजाबबिहारमनोरंजनराजनीतिराज्यराष्ट्रीयस्पेशल

चीन कोरिया ताइवान में नहीं अब सेना की वर्दी [ फेब्रिक्स ] भारत में हो रही तैयार 

हिंदुस्तान में एक और बड़ी उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के आत्मनिर्भर भारत को मिलने जा रही है …… पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल के मंत्र काे भारतीय सेना ने भी अपनाया है। देश की पुलिस फोर्स और मिलिट्री के लिए जो डिफेंस फैब्रिक अब तक चीन, ताइवान और कोरिया से मंगाया जाता था, आज़ाद भारत में पहली बार अब वही  कपड़ा सूरत में तैयार होगा।

जी हाँ सूरत की टेक्सटाइल मिल को सेना ने 10 लाख मीटर डिफेंस फैब्रिक तैयार करने का पहला ऑर्डर दिया  है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की गाइडलाइन पर यह कपड़ा तैयार हो रहा है। हालांकि पुलिस फाेर्स, मिलिट्री के 50 लाख से अधिक जवानों के लिए…..  हर साल 5 कराेड़ मीटर फैब्रिक्स लगता है। मीडिया में आ रही ख़बरों की माने तो  DRDO, CII के दक्षिण गुजरात संगठन के पदाधिकारी और सूरत के कपड़ा इंडस्ट्री की सितंबर में वर्चुअल बैठक भी इसी लिए हुई थी। इसमें सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री से कहा गया था की वो  देश की तीनों सेनाओं सहित विभिन्न सैन्य दलों की जरूरत का अब खुद देश में कपड़ा तैयार करे।


दीपावली से पहले ही डिफेंस फैब्रिक का सैंपल टेस्टिंग के लिए भेज दिया गया था। अप्रूवल मिलने के बाद 5 से 7 बड़े उत्पादकों की मदद से सेना के लिए यह कपड़ा तैयार किया जा रहा है। इस कॉन्ट्रैक्ट को अगले दो महीनों में तैयार भी  करना है। ऐसे में डीआरडीओ की गाइडलाइन के हिसाब से लैब और एक्सपर्ट कारीगरों  की व्यवस्था भी की गयी और फिर विशेष निगरानी में इस आर्मी ड्रेस के फैब्रिक को तैयार किया गया।

हांलाकि इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी इसकी हाई टिनै सिटी  से कोई समझौता न हो। इसलिए इसे हाई टिनैसिटी यार्न से ही तैयार किया जा रहा है। इसके बाद इस फेब्रिक को  पंजाब-हरियाणा की गारमेंट यूनिट को भेज दिया जाएगा। यहां प्रोसेसिंग के जरिये कपड़े की गुणवत्ता बढ़ाई जाएगी। इसके बाद इससे जूते, पैराशूट, यूनिफॉर्म और बुलेटप्रूफ जैकेट, बैग तैयार किए जाएंगे। आपको यहाँ ये भी बता दें कि सूरत में देश की जरूरत का 65% कपड़ा तैयार होता है।


सुरक्षा क्षेत्र के लिए कपड़ा बनाने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कपड़ा हाई टिनै सिटी यार्न से तैयार होता है। लिहाज़ा यह इतना मजबूत होता है कि इसे कोई हाथ से फाड़ भी नहीं सकता। यानि  अब तक जो डिफेंस फैब्रिक विदेश से हमारे देश में आते थे अब वो समय की मांग काे देखते हुए आत्मनिर्भर भारत के फार्मूले पर पहली बार हिन्दुस्तान में ही तैयार किया जा रहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *