नदियों, वन भूमि और सरकारी जमीन पर हुये अतिक्रमण को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है। और इस बयान के बाद उत्तराखंड के उन सैंकड़ों परिवारों ने राहत की सांस ली है जो खत्तों, वन भूमि पर 50 साल से अधिक समय से आवास बनाकर रह रहे हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि ऐसे लोगों को वहां से नहीं हटाया जाएगा। सरकार ऐसे लोगों को जल्द मालिकाना हक देगी। इसके लिये बकायदा कैबिनेट की एक उप समिति का गठन किया गया है जो इन मामलों का निरीक्षण कर रही है।
आपको बता दें कि सरकार इस वक्त राज्यभर में अतिक्रमण के खिलाफ मुहीम चला रही है। सबसे पहले वन भूमि या सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनी मजारों, मंदिरों को हटाया गया। इसके बाद शहरी क्षेत्रों के अतिक्रमण को हटाया गया। तीसरे चरण में नदियों के किनारे हुये अतिक्रमण को हटाने की मुहीम इन दिनों चल रही है। लेकिन राज्यभर में ऐसे सैंकड़ों परिवार हैं जो लंबे समय से खत्तों, वन भूमि में रह रहे हैं, जिनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया था अब सरकार ऐसे अतिक्रमण को नियमित करने जा रही है।