यूँ तो आज के दौर में कौन स्मार्ट नहीं बनना चाहता है ….. कौन नहीं चाहता है की उसको मॉडर्न टेक्निक्स का फायदा मिले ….. लेकिन जिस तरह से देहरादून में पब्लिक प्लेस पर लगाए गए ये वाटर एटीएम कबाड़ बन रहे हैं वो पब्लिक और प्रशासन दोनों पर सवाल खड़े करती है , जी हाँ खबर देहरादून के लिए बेहद अफसोसनाक भी है और जागरूक करने वाली भी है ….. शहरभर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए वाटर एटीएम बंद पड़े हैं। संचालन का जिम्मा लेने वाली निजी कम्पनी ने कोरोनाकाल मे पानी की बिक्री नहीं होने का हवाला देते हुए इनका संचालन बंद कर दिया है। इसके चलते स्मार्ट सिटी की सबसे पहली व महत्वपूर्ण योजना खटाई में पड़ गई है।
लोगों को सस्ती दरों पर साफ पानी उपलब्ध करवाने के लिए शहर में 24 वाटर एटीएम लगाए जाने थे हांलाकि 15 एटीएम ने अपना काम शुरू कर दिया था। तीन शुरू होने ही वाले थे। इसी बीच लॉकडाउन हो गया।
कोरोनाकाल में संक्रमण के डर से लोगों ने वाटर एटीएम से पानी लेना बंद कर दिया। जिसके बाद कम्पनी ने वाटर एटीएम के रख रखाव व इनमें काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन देने को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। अब मात्र पांच जगह पर वाटर एटीएम चल रहे हैं, वह भी बन्द होने की कगार पर हैं।
आईएसबीटी, आईटी पार्क, कांवली रोड, ईसी रोड, पटेलनगर, दर्शनी गेट, दून अस्पताल, ट्रांसपोर्टनगर, गांधी पार्क, कचहरी परिसर, एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला, रिस्पना पुल, दीनदयाल उपाध्याय पार्क समेत कुल 15 जगह वाटर एटीएम चल रहे थे। इनमें से , दीन दयाल उपाध्याय पार्क, एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला, रिस्पना पुल, कचहरी परिसर में वाटर एटीएम फिलहाल चलने का दावा किया जा रहा हैं। लेकिन ऑपरेटर की सैलरी नहीं मिल पाने के चलते ये भी कभी भी बन्द हो सकते हैं।
आपको बता दें की दूनवासियों को स्मार्ट ग्राहक बनाते हुए बिना गिलास तीन सौ एमएल पानी एक रुपये, गिलास के साथ दो रुपये, एक लीटर पानी बिना बोतल तीन रुपये, पांच लीटर पानी बिना बोतल 14 रुपये में मिल रहा था। लेकिन शुरू होने से पहले ही स्मार्ट स्कीम अब लगभग बंद होने की कगार पर पहुँच गयी है