निरंजनपुर सब्जी मंडी देहरादून की सबसे बड़ी मंडी है जहाँ रोजाना बड़ी संख्या में स्थानीय सब्जी विक्रेता सब्जियां लेकर अलग अलग इलाकों में बेचते हैं। लेकिन जब से इस मंडी में कोरोना ने दस्तक दी तभी से जैसे निरंजनपुर मंडी पर ग्रहण लग गया है।
आज आलम ये है कि निरंजनपुर सब्जी मंडी के कारोबार की हालत पास्ट नज़र आ रही है। लोकल व्यापारियों की अभी फिलहाल फल-सब्जी की सप्लाई पर कोई ख़ास असर पड़ता न दिखाई दे रहा हो लेकिन निरंजनपुर सब्जी मंडी में रोजाना होने वाले ट्रेड की रफ़्तार कमज़ोर पड़ती ही दिखाई दे रही है। जब हमने स्थानीय आढ़ती व्यापारियों से इसके बारे में पूछा तो उनका कहना है की इसकी वजह है उत्तर प्रदेश और दिल्ली से आने वाले फलों और सब्जियों पर फिलहाल लगी रोक इस पर एक और समस्या सामने आ रही है और वो है मज़दूरों की कमी ….
यही वजह है कि आज यहां कारोबार ५० फीसद से ज्यादा घट गया है। अब ऐसे में इन सैकड़ों आढ़तियों का परेशान होना लाज़मी भी है।
आपको याद दिला दें की कोविड 19 संक्रमित मामले मिलने के बाद पिछले 4 जून को मंडी एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गई थी। 15 जून से नए नियम व शर्तो के साथ मंडी तो खुल गई, लेकिन एक सप्ताह बाद भी यहां कारोबार पटरी पर नहीं लौटा है। ऐसे में आढ़ती भी मंडी आने से परहेज कर रहे हैं। वर्तमान में यहां दो शिफ्टों में 150 दुकानों को खोलने की अनुमति है, जिसमें 75 फल व 75 सब्जी की हैं।।
आढ़तियों का कहना है कि उन्हें मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं और उत्तर प्रदेश व दिल्ली से फल-सब्जी लाने की अनुमति भी नहीं है। इससे सामान्य दिनों में जहां मंडी में 15 से 18 हजार कुंतल फल-सब्जी का कारोबार होता था, वहीं अब यह पांच से सात हजार कुंतल पर सिमट गया है। निरंजनपुर मंडी में मजदूर सहारनपुर व आसपास के क्षेत्रों से आते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सहारनपुर से मजदूर व सब्जी की आवक पर प्रतिबंध है। वहीं, आढ़तियों के पुराने श्रमिक घर लौट गए हैं। ऐसे में शहर के अंदर भी मजदूर नहीं हैं। आगे देखना होगा की किस तरह और कब तक राजधानी की सबसे बड़ी फल सब्जी की मंडी अपनी रफ़्तार दोबारा हासिल कर पायेगी