Dehradun: महिलाओं के लिए प्रेरणा है सोशल मीडिया पर छाई ओला कैब की महिला टैक्सी चालक इमराना
लड़के और लड़कियों की बराबरी के लिए भले ही आज हजारों कैंपेन चलाए जाते हों, लेकिन आज भी कुछ काम विशेषतौर पर लड़को तो कुछ लड़कियों के लिए निर्धारित माने जाते हैं। आज भी देश में अधिकतर लोग किचन के काम को महिलाओं से जोड़ते हैं तो वहीं कमाई के लिए पुरुषों का काम करना आईडल माना जाता है, लेकिन देहरादून की टैक्सी चालक इमराना का कहना है कि कोई भी काम लड़कियों के लिए मुश्किल नहीं।वह मानती हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं।दसवीं पास इमराना कईं युवतियों को अपने पैरों पर खड़ा होने का हौसला देती हैं।
महिला सशक्तीकरण की पहल के बीच इमराना महिलाओं के लिए एक नई प्रेरणा हैं।इमराना ने घर की दहलीज पार कर टैक्सी का स्टीयरिंग थामा तो हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन गई। दून की यह महिला टैक्सी चालक ओला कैब चलाकर अपना परिवार चलाती हैं। इमराना को सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है।
इमराना कहती हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। वह बताती हैं कि उन्हें कार चलाने का शौक था और इसी शौक को उन्होंने अपना पेशा बना लिया या यूं कहें कि कमाई का एक जरिया। इस काम में उन्हें समाज का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। इमराना बताती हैं कि स्कूल में पिता शकील अहमद ने कार सीखने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने कार ड्राइविंग स्कूल में कार चलाना सीखा। वह बताती हैं कि ऐसी कोई खास वजह नहीं रही कि उन्हें कैब चलानी पड़ी, बस उन्हें कार चलाने का शौक था। कुछ समय बाद उनके सामने करियर का ऑप्शन था, तो सोचा कि क्यों न शौक को ही पेशा बना लिया जाए।
इमराना कहती हैं कि कोई भी काम लड़कियों के लिए मुश्किल नहीं। वह गर्मी में सुबह 5 बजे से 11 बजे तक और शाम को 5 से 10 बजे तक कार चलाती हैं। सर्दियों में यह समय कम हो जाता है। परिवार में सभी लोग उनके इस फैसले से खुश हैं और उनका सहयोग करते हैं।
ऐसे आईं चर्चा में
दून की समाजसेवी मालती हलदार ने कैब बुक की तो उन्हें इमराना के साथ यात्रा करने का अवसर मिला। वह दून जैसे शहर में महिला टैक्सी ड्राइवर को देखकर बहुत हैरान हुईं। उन्होंने इमराना की पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली और उनकी काफी सराहना की।