क्रिप्टो करेंसी को बैन करेगी केंद्र सरकार, भारत की 8% आबादी को लगेगा झटका
केंद्र सरकार ने भारत देश में बिटकॉइन जैसी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन करने का निर्णय ले लिया है। इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक बिल लाया जाएगा, जिसमे बिटकॉइन जैसी प्राइवेट डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह बैन लगाने का प्रावधान है लेकिन इसकी टेक्नोलॉजी जारी रखने की इजाजत होगी, यानि की कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकर्रेंसीज़ ऐसी होंगी जिन्हे छूट मिलेगी … इससे देश में डिजिटल माइनिंग का रास्ता साफ होगा। भारत में जितने भी लोगो ने अबतक क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया है वो भारत की आबादी का लगभग 8% हिस्सा हैं, इन लोगों ने कुलमिलाकर 70,000 करोड़ रूपए डिजिटल करेंसी पर दांव पर लगा दिए हैं।
बता दें की दुनिया भर में मुद्राओं को देश के केंद्रीय बैंक नियंत्रित करते हैं लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है, इसका नियंत्रण इसकी ख़रीद-बिक्री करने वाले लोगों के हाथों में सामूहिक तौर पर होता है.. यही वजह है कि ज़्यादातर देशों की सरकारें या तो इन्हें ग़ैर-कानूनी मानती हैं या इन्हें किसी न किसी रूप में नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं… भारत, चीन और अमेरिका जैसे देशों के विपरीत दक्षिण अमेरिका के देश अल सल्वाडोर ने अब इसके इस्तेमाल पर क़ानूनी मुहर लगा दी है…उधर भारत ने क्रिप्टो पर बैन लगाने का मन बना लिया है। डिजिटल करेंसी बिल 2021 की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा. इसके अलावा यह बिल प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन भी करेगा. हालांकि, यह बिल इस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के मकसद से कुछ अपवाद को भी अनुमति देगा… बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसदीय पैनल की अहम बैठक हुई थी.. . उस बैठक में इस बात पर सहमति बनी थी कि समय आ गया है जब भारत क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करे और इसकी दिशा तय करे…