देश भर में भाजपा शाषित राज्यों में सरकार के संकरक्षण में महिलाओं के प्रति हिंसा व दलित उत्पीड़न के मामलों की बाढ़ सी अस गयी है। 2014 में जब से देश की बागडोर मोदी जी के हाथ में आयी है तब से भाजपा सरकारों ने महिलाओं व दलितों पर जुल्म करने वालों को संकरक्षण देने में सारी लोकलाज ताक पर रख दी यह बात आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वाहन पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में आयोजित विशाल धरने को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के हाथरस की सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटना में जिस प्रकार की भूमिका सरकार की मशीनरी की रही उससे यह साबित हो गया कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारे पर पहले सरकारी तंत्र ने घटना को छुपाने के प्रयास किया व जब वह सार्वजनिक हो गयी तो उसे जातीय स्वरूप देने की पूरी कोशिश की । पूर्व विधायक और अनुसूचित विभाग के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि राज्य की त्रिवेंद्र सरकार दलित और गरीब विरोधी है। इस राज्य में छात्रवृति घोटाला जैसा कालक लगाने वाले बाहर हैं और गरीबों दलितों का हक़ छीनकर गुनाहगार आज़ाद है ये महापाप भाजपा को भारी पड़ेगा ऐसे में अब गरीब दलित समाज के हक़ों की लड़ाई सड़कों पर तेज़ करेगी
आज जब कांग्रेस गांधी पार्क में दलित और महिला अपराध के खिलाफ धरने पर बैठी थी तब भाजपा ने भी अपना बयान जारी कर कांग्रेस के इस प्रदर्शन को दिखावा बताया है …. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस द्वारा आज महिलाओं व दलितों को लेकर किए गए प्रदर्शन को में हास्यास्पद बताते हुए कहा कि जिस कांग्रेस का रवैया हमेशा महिलाओं व दलितों की उपेक्षा व उत्पीड़न का रहा वह जब उनके हितों का दिखावा करती है तो यह मज़ाक़ ही लगता है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र भसीन ने आज कांग्रेस द्वारा महिलाओं व दलितों को लेकर दिए गए धरना प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा महिलाओं के सम्मान और उनके उत्थान और दलितों के हितों के लिए हमेशा समर्पित रही है ।यही कारण है कि आज देश में सबसे अधिक महिला व दलित वर्ग के सांसद व विधायक भाजपा के हैं व पार्टी संगठन में भी उनके लिए स्थान निर्धारित हैं।जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा हमेशा महिलाओं की उपेक्षा की गई है और यहां तक की उन्हें अत्याचार का शिकार बनाया गया है ।साथ ही दलितों को धोखे में रखते हुए उन्हें वोट बैंक के रूप में उपयोग किया जाता रहा पर उनका कोई हित नहीं किया गया ।