उत्तराखंड की नियति बन चुका है सीएम परिवर्तन, पिछले 20 सालों में बदले इतने मुख्यमंत्री…..
राज्य गठन के बाद से ही शुरू हो गया सीएम बदलने का दौर
9 नवंबर 2000 को नित्यानंद स्वामी बने थे पहले सीएम, बीजेपी नेताओं के विरोध के चलते दिया नित्यानंद स्वामी ने इस्तीफा दे दिया था
जिसके बाद भगत सिंह कोशियारी बने थे मुख्यमंत्री
2002 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, जिसके बाद कांग्रेस के एनडी तिवारी ने 2002 से 2007 तक संभाला सीएम पद
2007 में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हुआ था, उत्तराखंड में बीजेपी ने सरकार बनाई ….7-03-2007 को मेजर जनरल बीसी खंडूरी बने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, 23 जून 2009 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा
खंडूरी के बाद रमेश पोखरियाल निशंक बने थे सीएम, जिसके बाद साल 2012 के चुनाव से ठीक पहले निशंक की कुर्सी गई
10 सितंबर 2011 को बीसी खंडूरी को फिर से सीएम बनाया गया
2012 के चुनाव में बीजेपी चुनाव हारी, कांग्रेस की बनी सरकार। कांग्रेस के कार्यकाल में भी बदले गए थे 2 मुख्यमंत्री
पहले विजय बहुगुणा ने संभाला मुख्य़मंत्री पद ..
2 साल बाद उन्हें पद छोड़ना पडा, हरीश रावत बने मुख्यमंत्री
2016 में विधायकों की बगावत के चलते देना पड़ा हरीश रावत को इस्तीफा
कोर्ट गए हरीश रावत को मिली थी राहत, फिर से बने थे हरीश रावत मुख्यमंत्री… 2017 में जनादेश बदला और 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संभाला था पद, और आज 9 मार्च 2021 को दिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा.
इस बीच, CM की रेस में राज्य मंत्री सतपाल महाराज का नाम भी बताया जा रहा है। वहीं, चर्चा ये भी है कि अगर धन सिंह रावत और सतपाल महाराज में से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी तो नैनीताल से सांसद अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी में से किसी एक को राज्य की बागडोर सौंपी जा सकती है।
राज्य के गठन के बाद से ही अस्थिरता का माहौल रहा है..
2000 में राज्य के गठन के बाद से कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी के अलावा कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। राज्य में भाजपा का तीसरी बार मुख्यमंत्री बना है, लेकिन पार्टी का एक भी मुख्यमंत्री पांच साल तक कुर्सी पर नहीं रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय उत्तराखंड में पहली बार भाजपा सरकार बनी थी।
साल 2000 में उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनी। इस दौरान दो साल के भीतर ही दो मुख्यमंत्री बदले गए…. सबसे पहले नित्यानंद स्वामी 9 नवंबर 2000 को मुख्यमंत्री बने जिसके ठीक एक साल बाद भाजपा के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्च खोल दिया। इसी कड़ी में उन्हें 29 अक्टूबर 2001 को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.. इसके बाद भाजपा ने नेता भगत सिंह कोश्यारी को विधायक दल का नेता चुना और उन्होंने 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद वह 1 मार्च 2002 तक राज्य की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे। 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा कोश्यारी के नेतृत्व में राज्य का चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में राज्य की सत्ता कांग्रेस के हाथ लग गई। कोश्यारी 123 दिन तक ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। 2002 चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने और पांच साल, यानी 2007 तक मुख्यमंत्री रहे।
लेकिन 2007 में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा .. भाजपा को राज्य में पूर्ण बहुमत मिली। लेकिन इस दौरान भी पांच साल के कार्यकाल में तीन बार मुख्यमंत्री का चेहरा बदला गया। 8 मार्च 2007 को भाजपा ने भुवनचंद्र खंडूरी मुख्यमंत्री बने, लेकिन 23 जून 2009 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद उनकी जगह 24 जून 2009 को भाजपा ने रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन चुनाव से 4 महीने पहले उनकी कुर्सी चली गई। उनकी जगह दोबारा 10 सितंबर 2011 को भुवनचंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन 2012 के चुनाव में भाजपा की वापसी नहीं हुई। कांग्रेस की सरकार बनी।
5 साल में दो मुख्यमंत्री बदले गए। 13 मार्च 2012 को विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इसके दो साल बाद उन्हें कुर्सी छोड़ने पड़ी.. 1 फरवरी 2014 को हरीश रावत मुख्यमंत्री बने, लेकिन पार्टी की अंदर खाने की राजनीति से जूझ रहे रावत को विधायकों की बगावत के बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा। 2016 में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा।
रावत को कोर्ट से राहत मिली और वे फिर मुख्यमंत्री बने। वहीँ 2017 में फिर से राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार बनी। इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को 18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री बनाया गया। त्रिवेंद्र सिंह राज्य की सत्ता में सबसे ज्यादा सत्ता तक मुख्यमंत्रिय रहने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक थे , लेकिन आज 9 मार्च 2021 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया …